अब क्या होगा Nisha Bangare का? कमलनाथ ने तो टिकट देने से मना कर दिया

Ex Deputy collector Nisha Bangare

पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को कमलनाथ ने टिकट देने से मना कर दिया है. निशा ने न्याय पद यात्रा निकाली, सुप्रीम कोर्ट गईं, अब कमलनाथ बोले- चुनाव नहीं लड़ेगी।

MP Vidhansabha Chunav 2023 Nisha Bangare News: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे(Nisha Bangare) चुनाव नहीं लड़ रही है. PCC चीफ कमलनाथ ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को छिंदवाड़ा में नामांकन भरने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा की निशा बांगरे चुनाव नहीं लड़ रही हैं. इस सभा में निशा भी मौजूद रहीं, कमलनाथ ने कहा- की ‘आप उदाहरण बनेंगी। आपकी सेवाओं की आवश्यकता प्रदेश में हैं’

निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला सीट से उम्मीदवारी कर रहीं थी. कांग्रेस ने काफी समय तक इस सीट को होल्ड भी कर रखी थी, लेकिन निशा का डिप्टी कलेक्टर का पद स्वीकार न किये जाने के कारण अंततः कांग्रेस ने यहां से मनोज मलबे को प्रत्याशी बना दिया। बता दें कि इस्तीफा स्वीकार होने के तुरंत बाद निशा बांगरे ने पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) से मुलाकात की थी. आज (26 अक्टूबर) को निशा कमलनाथ के छिंदवाड़ा के शिकारपुर स्थित आवास पर उनसे मिलने पहुंची थी.

निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद से ये अटकले लगाई जा रही थी कि, कांग्रेस आमला से टिकट में बदलाव कर सकती है, लेकिन अब कमलनाथ ने तस्वीरें साफ कर दी हैं कि अमला से मनोज मलबे ही कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे।

निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ समझते हैं सिलसिलेवार तरीके से….

पहली दफा 22 जून को लेटर लिखकर दी इस्तीफे की जानकारी

निशा बांगरे ने छतरपुर के लवकुशनगर में एसडीएम रहते हुए 25 जून को छुट्‌टी मांगी थी। उन्हें आमला में अपने गृह प्रवेश के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और कल्चरल एक्टिविटीज में शामिल होना था। उन्हें छुट्टी नहीं मिली थी। 22 जून 2023 को अपने विभाग को एक लेटर लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी थी। मध्यप्रदेश सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया।

निशा बांगरे ने न्याय पद यात्रा की

Ex deputy collector Nisha Bangare: निशा ने अपना इस्तीफा मंजूर करने के लिए 28 सितंबर से 9 अक्टूबर तक न्याय पदयात्रा की. आमला से पैदल चलते हुए भोपाल पहुंची। इस बीच करीब 335 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की. छिना झपटी में निशा के कपडे फट गए थे. पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर एसीपी एमपी नगर अक्षय चौधरी की कोर्ट में पेश किया।

10 अक्टूबर को जमानत मिली

निशा बांगरे ने 9 अक्टूबर को मुचलका भरने से इंकार कर दिया था. जिसकी वजह से इन्हे इस दिन जमानत नहीं मिली। अगले दिन 10 अक्टूबर को 10 हजार रूपए के मुचलके पर जमानत मिली। रात करीब 9 बजे भोपाल जेल से उन्हें रिहाई हुई. जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था अपने 5 साल के बच्चे के साथं गोद में उठा कर गले लगाते हुए.

12 अक्टूबर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया था

जेल से रिहा होने के तीन दिन बाद हाईकोर्ट ने निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट को लेकर प्रदेश सरकार को एक हफ्ते में निर्णय लेने के निर्देश दिए. इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर निशा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में उन्होंने कहा था कि एक महीने के अंदर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाना चाहिए।

18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसला लेने को कहा था

कोई हल नहीं निकलने पर निशा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को निशा के इस्तीफे के मामले में जल्द कोई फैसला करने को कहा। इस मामले में 12 अक्टूबर को हुई सुनवाई एक हफ्ते टल गई थी। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में निशा ने कहा था, ‘अगर मेरा इस्तीफा जल्द मंजूर हो गया और कांग्रेस मुझे आमला से प्रत्याशी बनाती है तो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’

20 अक्टूबर को एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए

जबलपुर High court ने 20 अक्टूबर को MP सरकार को आदेश दिया कि 23 अक्टूबर तक निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर अपना निर्णय लें। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निशा बांगरे के इस्तीफे पर 27 अक्टूबर तक एक्शन टेकन रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए।

23 अक्टूबर को हाईकोर्ट की सख्ती के बाद इस्तीफा मंजूर किया गया..

मध्यप्रदेश सरकार ने 23 अक्टूबर को बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद देर शाम इस्तीफा मंजूर करने का आदेश जारी किया गया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। तन्खा ने अपने X में लिखा- यह कोई महिला अधिकारी की जीत नहीं है। यह नारी शक्ति की जीत है।

25-26 अक्टूबर को कमलनाथ से मुलाकात, चुनाव लड़ने पर सस्पेंस खत्म

इस्तीफा मंजूर होने के तुरंत बाद (25 अक्टूबर) बांगरे ने भोपाल में कमलनाथ से भेट की। कमलनाथ ने उनसे कहा कि टिकट को लेकर अब केंद्रीय नेतृत्व से ही फैसला होगा। आज सुबह फिर निशा बांगरे ने कमलनाथ से छिंदवाड़ा में मुलाकात की। कमलनाथ ने निशा को पहले पार्टी ज्वाइन कराई। अपने नामांकन के बाद कमलनाथ ने साफ कर दिया कि निशा चुनाव नहीं लड़ेंगी।

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