UAE Hindu Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों UAE के अबूधाबी (Abu Dhabi) में स्वामी नारायण मंदिर की स्थापना भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच नये रिश्ते की शुरुआत के तौर पर देखी जा रही है. BAPS स्वामीनारायण मंदिर यूएई का पहला हिंदू मंदिर है. इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. पीएम मोदी ने इस मौके पर UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को अपना भाई, भारतीयों का अच्छा दोस्त और शुभचिंतक बताया है.
पीएम मोदी UAE के पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। इस दौरान उनका भव्य स्वागत हुए और दोनों देशों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया।
शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान कौन हैं?
बता दें कि शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान. शॉर्ट में, MBZ. अमीराती शाही परिवार के सदस्य हैं जो अभी संयुक्त अरब अमीरात के तीसरे राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक हैं. वो UAE के पहले राष्ट्रपति शेख़ ज़ायद बिन सुल्तान अल नाहयान के तीसरे बेटे हैं.
UAE के पहले हिन्दू मंदिर में क्या है?
- BAPS स्वामीनारायण मंदिर, यूएई के अबु मुरेख जिले में 27 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है. ये जमीन खुद यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान ने मुहैया भेंट की है. इस मंदिर की लागत 700 करोड़ रुपए है.
- मंदिर की ऊंचाई करीब 33 मीटर, लंबाई 80 मीटर और चौड़ाई 55 मीटर है. मंदिर में 7 शिखर हैं और बाहरी हिस्से में 96 घंटियां लगाई गई हैं. मंदिर की दीवारोें पर रामायण और शिवपुराण की पौराणिक कथाओं के साथ और भगवान जगन्नाथ की यात्रा की झलक भी देखने को मिलेगी. इसके साथ ही मंदिर के पास ही एक गंगा घाट भी बनाया गया है.
- मंदिर में पूजा-पाठ के लिए गंगा-यमुना का जल खासतौर पर भेजा गया है. रिपोर्टस के मुताबिक बड़े-बड़े कंटेनर्स में भारतीय नदियों का पानी ले जाया गया है. मंदिर में काशी के घाट की तर्ज में एक गंगा घाट भी बनाया गया है. मंदिर में गंगा और यमुना के रुप के तौर पर दो धाराएं देखने को मिलेंगी. साथ ही एक लाइट बीम सरस्वती नदी के तौर पर रखी गई है, जो त्रिवेणी संगम को का प्रतीक है. .
- मंदिर बनाने के लिए राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों के तराशे 25,000 पत्थर भी भेजे गए हैं. ये पिंक सैंड स्टोन उत्तरी राजस्थान से खास तौर पर अबू धाबी भेजे गए हैं.
UAE में हिन्दू मंदिर बनना और पीएम मोदी द्वारा इसका उद्घाटन करना दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाता है. लेकिन इस मंदिर के बनने से कुछ लोगों को बहुत तकलीफ हुई है. ये तकलीफ उन्हें हो रही है जो ना तो UAE के रहने वाले हैं, न उनका पैसा लगा है और न ही उन्हें मंदिर से कोई लेना देना नहीं है.