FIIs और DIIs का क्या है बाजार पर रुख! DIIs ने खरीदे इतने हजार करोड़ के स्टॉक्स?

Share Market This Week

Share Market News: इंडियन स्टॉक मार्केट में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने अपनी खरीददारी से नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. वर्तमान में दलाल स्ट्रीट उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता से जूझ रही हो लेकिन DIIs ने खरीदारी बरकरार रखी है. Securities की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 12 माह में DIIs ने सेकेंडरी बाजार में कुल 80 अरब डॉलर का निवेश किया है. यह आंकड़ा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली यानी 40 अरब डॉलर की तुलना में दोगुना है.

DIIs की आक्रामक खरीदारी

रिपोर्ट के अनुसार, फॉरेन इंवेस्टर्स की भारी बिकवाली के बीच DIIs की आक्रामक खरीदारी का स्तर अब तक के किसी भी बीते दौर से कहीं अधिक है. यह 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस और 2022 की बड़ी बिकवाली से भी आगे निकल गया है.

बाजार की बढ़त को सीमित किया

डोमेस्टिक इंवेस्टर्स का मजबूत समर्थन बना हुआ है, लेकिन हाल के महीनों में विदेशी निवेशकों की आक्रामक बिकवाली ने बाजार की बढ़त को सीमित कर दिया है. पिछले एक साल में लगभग सभी कैटेगरी के इंडेक्स फ्लैट से लेकर नेगेटिव रिटर्न तक ही दे पाए हैं. ICICI सिक्योरिटीज का कहना है कि यह विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के दबाव को दर्शाता है, भले ही घरेलू निवेशकों ने उसका अधिकांश हिस्सा सोख लिया हो.

पहले विदेशी निवेशक बाजार में खरीदार थे

गौरतलब है कि जुलाई 2025 से पहले तक विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में खरीदार थे. कारोबारी साल 2026 की पहली तिमाही में विदेशी निवेशकों और DIIs दोनों ने अलग-अलग कैटेगरी में निवेश बढ़ाया था, जबकि इक्विटी की सप्लाई प्रमोटरों, व्यक्तिगत निवेशकों (SmallCap को छोड़कर) और FDI से आई थी.महीने के हिसाब में उतार-चढ़ाव का डेटाअप्रैल से जून 2025 तक विदेशी निवेशकों ने लगातार 1.2 से 2.3 अरब डॉलर तक का निवेश किया.

जुलाई में बदला रुख

अब आपको बताएं कि जुलाई में यह ट्रेंड पलट गया और 2.9 अरब डॉलर की बिकवाली हुई. अगस्त में भी बिकवाली जारी रही. जुलाई 2025 में जहां भारत से विदेशी निवेशकों ने 2.9 अरब डॉलर निकाले, वहीं ताइवान ($18.3 अरब), जापान ($16.1 अरब) और दक्षिण कोरिया ($4.5 अरब) में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ. अगस्त में भारत और दक्षिण कोरिया से निकासी हुई, जबकि जापान में $12.5 अरब और इंडोनेशिया में $515 मिलियन का निवेश आया.

SIP बना मजबूत ढाल

बता दें कि ऐसी स्थितियों में SIP मजबूती का सहारा बना है. DIIs की लगातार मजबूत खरीदारी के पीछे मुख्य वजह MF Equity Schemes में व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) का लगातार बढ़ना है. भारतीय घर-परिवार अब परंपरागत बचत साधनों से हटकर इक्विटी की ओर रुख कर रहे हैं. SIP के जरिए निवेश का यह ढांचा घरेलू तरलता (Liquidity) के आधार को मजबूत बना रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *