Bihar Assembly Elections 2025 : बिहार के राजनीतिक अखाड़े में इन दिनों काफी हलचल है। 2025 के विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। इसे देखते हुए हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी चालें चल रहा है। एक ओर नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार ने जनता को लुभाने के लिए कई आकर्षक योजनाओं की घोषणा की है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) और जन सुराज जैसी नई पार्टियाँ भी राजनीतिक अखाड़े में अपनी किस्मत आजमाने के लिए कमर कस चुकी हैं।
वहीं, बिहार की ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर भी चुनावी सरगर्मी तेज़ है। बिहार की कुल 243 सीटों में से एक किशनगंज ज़िले की महत्वपूर्ण ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर, यहाँ का राजनीतिक मिजाज़ हमेशा से दिलचस्प रहा है। 2020 में इस सीट पर राजद के सऊद आलम ने जीत हासिल की थी।
पिछले चुनाव के नतीजे क्या थे? Bihar Assembly Elections 2025
2020 के चुनाव में ठाकुरगंज सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार सऊद आलम ने जीत हासिल की थी। उन्हें 79,909 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कुमार अग्रवाल को 56,022 वोट मिले थे। सऊद आलम ने यह सीट 23,887 वोटों के अंतर से जीती थी। चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) के नौशाद आलम तीसरे स्थान पर रहे थे और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार को भी अच्छी खासी संख्या में वोट मिले थे।
पिछले चुनाव में 10 उम्मीदवार मैदान में थे। Bihar Assembly Elections 2025
- सऊद आलम- राष्ट्रीय जनता दल- राजद- विजेता
- गोपाल कुमार अग्रवाल- निर्दलीय
- नौशाद आलम- जदयू
- महबूब आलम- एआईएमआईएम
- शाकिर आलम- निर्दलीय
- मोहम्मद कलीमुद्दीन- लोजपा
- देवव्रत कुमार गणेश- जन अधिकार पार्टी (डेमोक्रेटिक)
- शाहनवाज- राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी
- नवीन कुमार मल्लाह- शिवसेना
- मोहम्मद सफीर आलम- निर्दलीय
मतदाताओं की संख्या : बिहार की ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर 2020 के चुनाव में कुल 2,91,257 मतदाता थे। इस चुनाव में 1,89,652 वोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और शेष डाक मतपत्रों के माध्यम से डाले गए थे। इस सीट पर 68.3% मतदान हुआ था।
ठाकुरगंज सीट का चुनावी इतिहास। Bihar Assembly Elections 2025
ठाकुरगंज विधानसभा सीट बिहार के किशनगंज जिले में स्थित है। यह सीट सीमांचल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चुनावी इतिहास की बात करें तो 1952 में हुए चुनाव में अनंतकांत बसु ने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से पहला चुनाव जीता था। 1957 और 1962 के दौरान यह विधानसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी, इसलिए कोई चुनाव नहीं हुए।
मोहम्मद हुसैन इस सीट से सबसे ज़्यादा बार विधायक रहे हैं।
1967 में इस सीट का पुनः गठन हुआ। मोहम्मद हुसैन आज़ाद ने इस सीट पर कई बार चुनाव जीता। 1967, 1969 और 1972 के चुनावों में मोहम्मद हुसैन आज़ाद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता। 1977 के चुनावों में जनता दल के मोहम्मद सुलेमान ने यहाँ से जीत हासिल की। इसके बाद 1980 और 1985 के चुनावों में मोहम्मद हुसैन आज़ाद ने एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की।
1995 में भाजपा की पहली जीत। Bihar Assembly Elections 2025
1995 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की। सिकंदर सिंह ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता। इसके बाद 2000 में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने यह सीट जीतकर पार्टी की वापसी कराई।
2005 में बिहार में दो बार चुनाव हुए। Bihar Assembly Elections 2025
फरवरी 2005 में मोहम्मद जावेद ने कांग्रेस के टिकट पर फिर से जीत हासिल की। अक्टूबर 2005 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के गोपाल कुमार अग्रवाल ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया। 2010 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के उम्मीदवार के रूप में नौशाद आलम ने जीत हासिल की। 2015 में नौशाद आलम ने पाला बदलकर जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर से जीत हासिल की। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सऊद आलम ने यहां से जीत हासिल की
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