MCOCA Act, Maharashtra Control of Organized Crime Act | महाराष्ट्र सरकार ने बनाया था. इसका मकसद था अंडरवर्ल्ड से निपटना। हाल ही में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस के आरोपियों पर भी इसी के तहत कार्रवाई की गई है. साथ ही मकोका के तहत उन पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
क्या है मकोका? | MCOCA Act
What is MCOCA: महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका ( Maharashtra Control of Organized Crime Act ) बनाया था. इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था. साल 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया था. हालांकि यह कानून अभी दिल्ली और महाराष्ट्र में ही लागू है. इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल हैं.
किसी पर मकोका कैसे लगाया जाता है?
किसी के खिलाफ मकोका लगाने से पहले पुलिस को एडिशनल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस से मंजूरी लेनी होती है. इसमें किसी भी आरोपी के खिलाफ तभी मुकदमा दर्ज होगा, जब 10 साल के दौरान वह कम से कम दो संगठित अपराधों में शामिल रहा हो. संबंधित संगठित अपराध में कम से कम दो लोग शामिल होने चाहिए। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ एफआईआर के बाद चार्जशीट दाखिल की गई हो. यदि पुलिस 180 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं करती, तो आरोपी को जमानत मिल सकती है.
मकोका में सजा के क्या प्रावधान हैं?
मकोका के तहत आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है. जबकि आईपीसी के तहत यह अधिकतम 15 दिन होती है. इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी है, जबकि न्यूनतम पांच साल जेल का प्रावधान है.
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सौम्या के हत्यारों पर लगा मकोका
25 नवंबर को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. साकेत कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है. उम्रकैद और मकोका में अलग- अलग सजा सुनाई गई है. इस लिहाज से दोनों उम्रकैद एक के बाद एक चलेंगी। हत्या में 25-25 हजार रुपए और मकोका में 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना न देने पर 6 माह अतिरिक्त कैद होगी। बता दें कि सौम्या 30 सितंबर 2008 की रात साढ़े तीन बजे घर लौट रहीं थी तभी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह, और अजय कुमार नाम के आरोपियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.