ट्रंप के जीतने से भारत का क्या फायदा?

What is India’s benefit from Trump’s victory: भारत में अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार, डॉनल्ड जॉन ट्रंप की जीत के लिए जगह – जगह खूब पूजापाठ हुई , खूब हवन हुए और अब भंडारा करने का वक़्त आ गया है क्योंकी डोनॉल्ड ट्रम्प दोबारा से चुनाव जीतकर अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. इस जीत से कोई सबसे ज्यादा खुश है तो वो हैं खरबपति एलोन मस्क, जिन्होंने ट्रंप को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक डाली, अब उन्हें अमेरिकी सरकार में बढ़िया पद मिलेगा, ट्रंप की जीत पर पीएम मोदी ने भी ख़ुशी जताई है और यहां सवाल उठता है कि इस जीत से भारत को क्या मिलेगा ?

भारत के प्रति अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड

देखा जाए तो पिछले कुछ समय से अमेरिका भारत के साथ डबल गेम खेल रहा है. एक तरफ जो बाइडेन, भारत को UNSC में शामिल करने की पैरवी करते हैं वहीं अमेरिकी सरकार गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में भारत पर केस, भारत से व्यापर बढ़ाने की बातें भी की जाती हैं और फिर भारतीय कंपनियों पर बैन भी लगा दिया जाता है. वैसे तो आतंकवाद को लेकर अमेरिका बड़ी गंभीरता दिखाता है लेकिन खुद ही भारत विरोधी खालिस्तानियों को पनाह देता है, इसी तरह चीन से निपटने में भारत का साथ देने की भी बात करता है और चीन के चमचे पाकिस्तान को फंड देता है. ट्रम्प के जीतने के बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत के प्रति अमेरिका का ये डबल स्टैंडर्ड कम हो सकता है.

ये फायदा हो सकता है

वैसे ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत को क्या-क्या फायदा होगा, इसे तबतक दावे के साथ नहीं कहा जा सकता जबतक खुद ट्रम्प अपना रुख स्पष्ट नहीं करते हैं . मगर भारत और प्रधान मंत्री मोदी से उनके रिश्ते , उनके बयानों, दूसरे देशों के प्रति ट्रम्प का नजरिया और पिछले टर्म में लाइ गई ट्रंप पॉलिसीज से अनुमान जरूर लगाया जा सकता है.

ये तो सभी जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप इस्लामिक टेर्रासिज्म के खिलाफ है, जब 2017 में वो राष्ट्रपति बने थे तभी उन्होंने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से इंकार कर दिया था. ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 300 मिलियन डॉलर की मदद को यह कहकर रोक दिया था कि पाकिस्तान आतंकियों का पैराडाइस है। ट्रम्प ने हाल ही में बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हुई हिंसा पर भी बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि मैं होता तो ये सब होने ही नहीं देता, मैं हिन्दू अमेरिकन्स को उनके खिलाफ खिलाफ चल रहे कट्टरपंथी एजेंडे बचाने का काम करूँगा। ट्रम्प ने ये भी कहा था कि मैं और मेरे दोस्त पीएम मोदी एक अच्छी पार्टनरशिप के साथ काम करेंगे।

ट्रंप के इस ट्वीट से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो हिंसा के शिकार हो रहे हिन्दुओ के प्रति सहानभूति रखते हैं और अमेरिका में हिन्दुओं के साथ हो रहे भेदभाव और उनकी आस्था पर हो रहे हमलों को रोक सकते हैं, हो सकता है कि ट्रम्प की जीत के बाद इसका असर कनाडा पर भी पड़े जहां इस वक़्त खालिस्तानी समर्थित ट्रुडो सरकार अत्याचार पर उतारू है.

पन्नू के मामले में राहत मिल सकती है

हो सकता है कि ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने से अमेरिका में निखिल गुप्ता और विकास यादव पर चल रहे केस में भी भारत को थोड़ा रिलीफ मिल जाए. इन दोनों पर आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप हैं. बाइडेन सरकार ने तो आतंकी पन्नू को संरक्षण देने का काम किया, हो सकता है कि ट्रंप के आने के बाद वो दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को खत्म कर दें.

यूक्रेन जंग रुक सकती है ?

ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से रूस और यूक्रेन वॉर को रोका जा सकता है, क्योंकि खुद ट्रम्प ने ये दावा किया था कि अगर मैं होता तो एक दिन में इस जंग को खत्म करवा देता। ऐसा माना जाता है कि अमेरिका और रूस, दोनों देशों के बीच की दुश्मनी एक तरफ और ट्रम्प और पुतिन के संबंध एक तरफ.

वैसे ब्रिक्स की मीटिंग के बाद भारत से चीन के रिश्ते सुधरे हैं मगर चीन ऐसा देश है जिसकी सरकार पर भारत कभी भरोसा नहीं कर सकता। ट्रम्प को चीन कतई पंसद नहीं है, और एशिया महाद्वीप में भारत ही ऐसा देश है जो चीन के खिलाफ, अमेरिका का साथ दे सकता है. चीन को दबाए रखने के लिए अमेरिका भारत से अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत कर सकता है. इसमें हथियारों की सप्लाई और संयुक्त सैन्य अभियान सहित टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर दिया जा सकता है.

सिर्फ फायदा ही फायदा नहीं है

देखा जाए तो ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से ऐसा नहीं है कि भारत सिर्फ फायदे में ही रहेगा। ट्रम्प हमेशा से अमेरिका में आकर रहने वाले और काम करने वाले अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने की बात कही है. अमेरिका में कई भारतीय रह रहे हैं, ट्रम्प H 1 B वीजा को लेकर भी सख्त हैं जो अमेरिका में भारतीयों किए लिए नौकरियों के अवसर कम कर सकता है.

इसके अलावा ट्रंप की एक बिज़नेस पॉलिसी है जिसे कहते हैं ‘अमेरिका फर्स्ट ‘ ट्रंप उन देशों से ट्रेड ज्यादा पसंद नहीं करते जो देश अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ज्यादा टैरिफ चार्ज करते हैं और उनमे से एक भारत भी है. ट्रंप ने भारत से टैरिफ कम करने के लिए कहा भी था और वो फिर से ऐसा करने वाले हैं,अगर भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ नहीं करेगा तो अमेरिका भारतीय प्रोडक्ट्स की टैरिफ बढ़ा देगा जिसका असर देश की GDP पर देखने को मिल सकता है.

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