मणिपुर में क्या हो रहा: सरकार ने पूरे राज्य को ‘Disturbed Area’ क्यों घोषित कर दिया?

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मणिपुर में दो मैतेई छात्रों के शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा फिर भड़क गई है. सरकार मणिपुर से AFSPA हटाने पर विचार कर रहा था जिसे अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.

What Is Happening In Manipur: मणिपुर सरकार ने पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र यानी Disturbed Area घोषित कर दिया है. सरकार ने माना है कि फिलहाल राज्य में चरमपंथी/विद्रोही गतिविधियां जारी हैं और सुरक्षा के मद्देनज़र मणिपुर में अगले कुछ महीनों ने लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है. सरकार मणिपुर से AFSPA हटाने पर विचार कर रही थी लेकिन जब से यहां अशांति फैली तो सरकार को अपना फैसला भी टालना पड़ा.

राज्य सरकार ने शसस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम यानी AFSPA के तहत अगले 6 महीने के लिए सिर्फ 19 थानाक्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है.

दो मैतेई छात्रों की मौत से बवाल

दरअसल मणिपुर में हिंसा फिर से शुरू होने के पीछे का मुख्य कारण यहां मैइतै समुदाय के दो छात्रों की हत्या है. 20 साल के फिजाम हेमजीत और 17 साल के हिजाम लिंथोइंगाम्बी नाम के छात्र जुलाई से लापता थे. तब से अबतक मणिपुर में इंटरनेट बैन था, लेकिन जब शुरू हुआ तो उन दो लापता छात्रों की मृत अवस्था वाली तस्वीरें इंटरनेट में चलने लगीं। दोनों छात्रों के शवों के साथ हथियारबंद लोग भी दिखाई दिए. जिसके बाद मैतेई समाज के लोग फिर से सड़कों में आकर प्रदर्शन करने लगे. यह विरोध इतना जबरजस्त रहा कि वे RAF (रैपिड एक्शन फ़ोर्स) से भी भिड़ गए.

दोबारा हिंसा शुरू होने के चलते ही सरकार ने मणिपुर के 19 थानाक्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. अब यहां अगले 6 महीने के लिए शसस्त्र बलों की तैनाती रहेगी। दरअसल मणिपुर में हो रही हिंसा को चरमपंथी/उग्रपंथी संगठन बढ़ा रहे हैं.

हिंसा की आशंका को देखते हुए मणिपुर पुलिस, CRPF और RAF की बड़ी टुकड़ियों को इंफाल और राज्य के अन्य प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिया गया है. सरकार ने नया आदेश जारी करते हुए अगले 5 दिन के लिए फिर से इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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