Full form Of DOGE : अमेरिका में दूसरी बार नए – नए राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही अपनी (Donald Trump Ministers) एक्शन टीम यानी मंत्रालय का गठन कर दिया है. भारत सरकार, भारतवासी और अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को ट्रंप से ये उम्मीद है कि इनकी भलाई के लिए वो कुछ जरूर करेंगे। और ट्रंप ने इस ओर इशारा भी कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कोर टीम में भारतीय मूल के कारोबारी और राजनेता विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) को शामिल कर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है खास बात ये है कि विवेक इस जिम्मेदारी को दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलोन मस्क (Elon Musk )के साथ मिलकर निभाने वाले हैं.
क्या है DOGE
What is DOGE: मस्क और रामास्वामी (Elon Musk Vivek Ramaswamy DOGE) को पहली बार अमेरिका में बनी सरकार में जगह मिली है, दोनों इस मामले में नए हैं और उनके लिए खास एक नया विभाग बनाया गया है. जिसका नाम है DOGE, हम ये बात दावे के साथ कह सकते हैं कि इस नए विभाग का नामकरण किसी और ने नहीं एलोन मस्क ने ही किया होगा क्योंकी DOGE के प्रति उनकी दीवानगी किसी ने छुपी नहीं है, खैर मीम में दिखने वाले डौगी और डौगी कॉइन से इस डिपार्टमेंट का कोई लेना देना नहीं है, इस विभाग का फुल फॉर्म है डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ये क्या काम करेगा इसके बारे में आइये जानते हैं.
DOGE क्या काम करता है ?
What is purpose of DOGE: ट्रम्प ने अपने नए विभाग DOGE को लेकर कहा है कि ये डिपार्टमेंट नई व्यवस्था से सरकारी पैसों की बर्बादी करने वाले लोगों के बीच हड़कंप मचा देगा, रिपब्लिकन नेताओं ने हमेशा से DOGE के मकसद को पूरा करने का सपना देखा है ये हमारे समय का मैनहेटन प्रोजेक्ट है. दरअसल मैनहेटन प्रोजेक्ट उस मिशन को नाम दिया गया था जिसका मकसद ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर हिटलर की सेना से पहले परमाणु बम बनाना था. ट्रम्प ने अपने नए डिपार्टमेंट को इसी मिशन के सामानांतर बताया है.
दरअसल इस डिपार्टमेंट का काम नौकरशाही को ख़त्म करने, फिजूलखर्च में कटौती करने , गैर जरूरी नियमों को खत्म करने और सरकारी एजेंसियों का पुनर्गठन करना होगा। मस्क और रामास्वामी दोनों मिलकर इस विभाग का नेतृत्व करेंगे। दोनों मिलकर अमेरिका के फाइनेंशियन एक्सपेंसेस और डिपार्टमेंटल स्ट्रक्चर को पूरी तरह से बदल डालेंगे।
DOGE को लेकर क्या बोले रामास्वामी
Vivek Ramaswamy on DOGE: इस बड़ी जिम्मेदारी के मिलने के बाद रामास्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम नरमी से पेश नहीं आने वाले तो ट्एलोन ने कहा कि हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। ट्रम्प सरकार के मंत्री एलोन मस्क को लगता है कि अगर सरकार पुराने ढर्रे पर चलती रही तो अमेरिका दिवालिया हो जाएगा, उनका मानना है कि अमेरिका में निर्माण के नामपर फिजूलखर्च हो रहा है, उन्होंने कहा कि न्यूयोर्क मेट्रोपोलिटन ने सिर्फ फायर अलार्म में 6 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए, ट्रांसजेंडर बंदरों की रिसर्च के लिए 4 करोड़ खर्च कर दिए जो गैरजरूरी है, जनता के पैसे मुख्तापूर्ण योजनाओं में खर्च हो रहे हैं. मस्क का कहना है कि DOGE के आने से सालाना 2 ट्रिलियन डॉलर की बचत हो सकती है. अब सवाल ये है कि मस्क तो ट्रंप के दोस्त हैं , उन्होंने चुनाव में ट्रंप को जिताने के लिए 900 करोड़ खर्च कर दिए इसी लिए उनका मंत्री बनना तय था? लेकिन ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को क्यों इतना बड़ा डिपार्टमेंट दिया ? जबकि वो खुद रिपब्लिकन पार्टी से ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे थे? दरअसल विवेक ने ट्रम्प के कहने पर ही अपना नॉमिनेशन वापस लिया और उनके लिए खूब प्रचार – प्रसार किया इसी लिए ट्रम्प ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दी. बता दें कि 39 साल के विवेक रामास्वामी एक दवा कंपनी के मालिक हैं और उनकी नेटवर्थ 84 अरब रुपए है. उनके माता पिता केरल से नाता रखते थे जो बाद में अमेरिका के ऑहियो में शिफ्ट हो गए. रामास्वामी के अलावा एक और भारतीय मूल के व्यक्ति को ट्रम्प बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं जिनका नाम है काश पटेल , काश पटेल को लेकर चर्चा है कि उन्हें CIA चीफ बनाया जा सकता है. काश पटेल की कहानी बड़ी इंट्रेस्टिंग है जिसे हम अगले वीडियो में जरूर सुनाएंगे। लेकिन क्या आपको लगता है कि फिजूलखर्ची रोकने वाला एक विभाग भारत में भी बनना चाहिए ?