क्या है आर्टिकल 371? जो राज्यों को ‘स्पेशल स्टेटस’ देता है?

What Is Article 371: केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से 370 खत्म करने और लद्दाख को अलग केंद्र शाषित प्रदेश बनाने के बाद लद्दाख को स्पेशल स्टेटस वाला राज्य बनाने की कवायद कर रही है. गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में लद्दाख में आर्टिकल 371 लागू करने की बात कही है. अब आपके मन में सवाल होगा कि ये आर्टिकल 371 है क्या और जिस राज्य पर लागू होता है वो बाकी राज्यों से अलग और खास कैसे हो जाता है? इन तमाम सवालों के जवाब आज हम आपको देने वाले हैं.

इंडियन कन्सिट्यूशन में 22 भाग है, संविधान के 21वें भाग में आर्टिकल 371 का उल्लेख है. सबसे पहले महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में आर्टिकल 371 को लागू किया गया था और इसके बाद इसमें 371-A से 371-J तक नए प्रावधान जोड़े गए.

इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, सिक्किम, अरुणाचल, मिजोरम, असम, नागालैंड, गोवा, मणिपुर और कर्नाटक शामिल हैं. इन 12 को बाकी राज्यों से अलग अधिकार मिले हैं. जैसे यहां के धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं और राज्य या केंद्र सरकार कोई दखल नहीं दे सकती। इन राज्यों में अपने धर्म और संस्कृति से जुड़े फैसले समुदाय खुद लेते हैं.

किन राज्यों में लागू है आर्टिकल 371?

जैसे आर्टिकल 371-A के तहत नागालैंड की सामाजिक और धार्मिक रिजी-रिवाजों के साथ विधानसभा की सहमति के बिना सरकार जमीन और स्वामित्व से जुड़े कानून नहीं बना सकती। B और C के तहत असम और मणिपुर की विधानसभाओं में विशेष समितियां बनाने की इजाजत देता है, इस समितियों में आदिवासी और पहाड़ी इलाकों से चुने गए विधायक होते हैं. इसी तरह मिजोरम को 371-G के तहत विशेष प्रावधान दिए गए हैं. अबतक जिन राज्यों में 371 लागू हुआ वह राज्य के गठन के तुरंत बाद ही हुआ. लेकिन लद्दाख पहला केंद्र शाषित प्रदेश होगा जिसके गठन के 5 साल बाद 371 लागू किया जाएगा।

लद्दाख में आर्टिकल 371 लागू होने पर क्या बदलाव होंगे?

केंद्र सरकार लद्दाख में 371 लागू करने की बात कर रही है. यह एक अस्थाई प्रावधान है जिसके तहत राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवस्था के संरक्षण पर जोर दिया गया है. लेकिन यहां की जनता 371 की जगह छटी अनुसूची को लागू करना चाहती है. जिसके तहत उस क्षेत्र को मिनी स्टेट का दर्जा मिलता है और इसके तहत खुद का कानून बनाने, टैक्स वसूलने, न्याय हासिल करने और विकास कार्य करने के अधिकार मिल जाते हैं. लद्दाख की जनता यहां चुनाव कर अपने विधायक और सीएम चुनना चाहती है. जैसे दिल्ली और पुडुचेरी में होता है.

लद्दाख में 371 लागू होने के बाद यहां बाहरी लोगों द्वारा संपत्ति की खरीदी पर रोक लग सकती है. संवैधानिक संरक्षण मिलने पर लद्दाख की संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था के बारे में संसद को भी कानून बनाने के अधिकार सीमित हो सकते हैं।

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