जातीय जनगणना पर RSS का बड़ा बयान

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RSS On Caste Census: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है. RSS ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि जातीय जनगणना से समाज में एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है। पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है. संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल की समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा।

What did RSS say on caste census: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने जातीय जनगणना मुद्दे पर महत्वपूर्ण बयान दिया है. संगठन ने समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जातीय जनगणना को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं. इस मुद्दे पर आरएसएस की हुई बैठक में गहनतापूर्वक चर्चा की गई है, जिसमें समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और भविष्य के लिए कई अहम निर्णय लिए गए.

RSS ने दिया बड़ा बयान

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने जातीय जनगणना को संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि जातीय जनगणना से समाज की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है. पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा। जातीय जनगणना संवेदनशील विषय है. इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी लक्ष्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए और विशेष रूप से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार उनकी संख्या की गणना कर सकती है.

दलित समुदाय के लिए कराई जा सकती है जनगणना

RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा है और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए और विशेष तौर पर दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार को उनकी संख्या की गणना करने का अधिकार है.

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