CAA को लेकर क्या बोले विपक्षी नेता? ओवैसी ने क्या कह डाला?

केंद्र सरकार ने नागरिक संशोधन अधिनियम यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों (हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध) को भारत की नागरिकता दी जाएगी। 2019-20 में CAA को लेकर देशभर में प्रोटेस्ट हुए थे, विपक्ष तब भी सरकार पर हमलावर था और आज भी CAA लागू होने के बाद सरकार पर निशाना साध रहा है.

सबसे पहले जानते हैं कि CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सत्ता पक्ष के नेताओं ने क्या कहा

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ पीएम श्री @नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा– हमारे प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जो कहते हैं, वह उनकी सरकार करके दिखाती है।आज Citizenship (Amendment) Rules, 2024 का नोटिफिकेशन जारी होते ही यह क़ानून लागू हो गया है। इस क़ानून के लागू होने से पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिंदू, बौद्ध सिख, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लिए भारत की नागरिकता हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इस मानवीय निर्णय के लिए मैं पुनः प्रधानमन्त्रीजी और गृहमंत्रीजी को धन्यवाद देता हूँ।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि- पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी का आभार एवं माननीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी का धन्यवाद! इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन!

अब जानते हैं कि CAA को लेकर विपक्षी पार्टी और उनके नेताओं ने क्या पोस्ट किया

सबसे पहले बात करें AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि- आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे। सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था। सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है। एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। सीएए एनपीआर एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लिखा- जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फ़ंड’ का भी।

CAA को लेकर साउथ एक्टर थलापति विजय ने भी अपना स्टेटमेंट दिया है. उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो तमिलनाडु में CAA को लागू नहीं होने देंगे।

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