विवाद मारे गए लोगों की संख्या पर है. जोर इस पर कम है कि झगड़ें को सुलझाया कैसे जाए? अब तक सोशल मिडिया में न जाने कितने ऐसे रोते बिलखते बच्चों के वीडियो आ चुके हैं, इन वीडियो में बिना क़ुसूर के- जीवन शुरू होने से पहले मार दिए गए.
Hamas Israel Attack News Hindi: इजराइल सेना और हमास लड़ाकों की जंग में अब तक न जाने कितने लोग मारे जा चुके हैं. हमास के हमले से इजराइल के 1400 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं, और जब से जुंग शुरू हुई है. इजराइल के जवाबी हमले से 7300 से भी ज्यादा फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. हालांकि इस आंकड़ें में अभी तक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में संशय बना हुआ है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe biden) का कहना है कि, फ़िलिस्तीनियों द्वारा जारी की जा रही मारने वालों की संख्या पर भरोसा नहीं है. वहीं विश्व स्वस्थ संगठन (WHO) ने कहा है कि गाजा में जो संख्या मरने वालों की बताई जा रही है, उससे कहीं ज्यादा हो सकती है. क्योंकि हजार से ज्यादा तो मलबे में दबे हुए हैं और उनके अभी तक आधिकारिक आकंड़ों में जोड़ा नहीं गया है.
मानवाधिकार में तर्क करने वाले वालों ने फिलिस्तीनियों की पीड़ा को ख़ारिज करने वाले अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन की खूब आलोचना की है. मगर संख्या का सवाल अभी तक बना हुआ है कि इजराइल और हमास युद्ध कितने बेकसूर फिलिस्तीनी मारें गए हैं?
क्या कहता है गाजा?
गाजा की संख्या पर भरोसा कर सकते हैं. गाजा में मरने वालों की संख्या गाजा का स्वास्थ्य मंत्रालय जारी करता है. यही मंत्रालय इन मौत के आकड़ो का एकमात्र आधिकारिक स्रोत है, क्योंकि इजराइल ने गाजा की सीमा को सील कर दिया है. मानवाधिकार कार्यकर्ता बहुत ही सिमित हैं. ऊपर से इजराइल की तरफ से भरी बमबारी की जा रही है. घेराबंदी है. इंटरनेट सेवाएं ठप हैं. बिजली बंद है. हवाई हमलों ने सड़के तोड़ दी हैं। ऐसे में स्वस्थ मंत्रालय मृतकों की संख्या जोड़ता कैसे है?
मृतकों की संख्या में इतनी बारीक़ से नज़र रखना मुश्किल काम है. मगर गाजा के स्वस्थ मंत्रालय का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. न्यूज़ एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली जंगो में मंत्रालय की गिनती UN के आकड़ों, स्वस्थ जांच और यहां तक कि इजराइल के आकड़ों के आस-पास ही रही है. UN और बाकि अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और विषेशज्ञों का कहना है कि गाजा मंत्रालय ने कठिन समय में भी सटीक संख्या बताई है. इन आकड़ों की मदद से समझ सकते हैं.
- 2008 युद्ध: मंत्रालय ने बताया- 1,440 फ़िलिस्तीनी मारे गए. UN ने बताया 1,385.
- 2014 युद्ध: मंत्रालय ने 2,310 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की सूचना दी, UN ने 2,251.
- 2021 युद्ध: मंत्रालय ने कुल 260 फ़िलिस्तीनियों के मारे जाने के आंकड़े दिए, UN ने 256.
ग़ाज़ा मंत्रालय सही नंबर तक कैसे पहुंचता है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ अल-क़िदरा का ऑफिस ग़ाज़ा शहर के शिफ़ा अस्पताल में है. AP की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें प्रांत के हर अस्पताल से लगातार रिकॉर्ड आता रहता है. अस्पताल प्रशासन बेड पकड़ लेने वाले हर घायल व्यक्ति और मरने वाले का रिकॉर्ड रखता है और यही रिकॉर्ड अल-क़िदरा को भेजा जाता है.
मंत्रालय अन्य स्रोतों से भी डेटा इकट्ठा करता है. जैसे, स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय सोसायटी (NGO) रेड क्रिसेंट.
एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं?
ग़ाज़ा में 2007 से ही हमास का शासन है. लेकिन न्यूज़ संगठन और एजेंसियां लंबे समय तक स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर ही निर्भर रहे हैं. टाइम मैगजीन में यास्मीन सेरहान (Yasmin Serhan) की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा पहली दफा हो रहा है कि संस्था की विश्वसनीयता पर इतनी प्रमुखता से सवाल खड़े हो रहे हैं. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के पूर्व ब्यूरो चीफ़ लूक बेकर – जिन्होंने 2014 से 2017 तक इज़रायल और फ़िलिस्तीन को कवर किया – उन्होंने
“नागरिक मौतों की संख्या को यथासंभव बढ़ाने के लिए हमास के पास पर्याप्त और साफ एजेंडा है.”
झगड़ा नंबर पर है और इस पर ज़ोर कम है कि यहां सांस लेते लोगों की बात हो रही है. बच्चों की बात हो रही है, जो बिना क़ुसूर के – जीवन शुरू होने से पहले ही – जंग में मार दिए गए हैं.