Peter Higgs Connection With India: आप भले ही विज्ञान के छात्र न हों और न ही विज्ञान में जिज्ञासा रखते हों लेकिन कभी न कभी आपके मन में इस ब्रह्माण्ड को लेकर एक प्रश्न तो जरूर आया होगा कि आखिर ये ब्रह्मांड किस चीज़ से बना है? जब पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसका जवाब खोज-खोजकर हार गए तब एक ब्रिटिश बैज्ञानिक पीटर हिग्स सामने आए और दुनिया को बताया कि बिग बैंग के बाद सृष्टि की रचना कैसे हुई? पीटर हिग्स ने ही हिग्स बोसोन पार्टिकल यानी गॉड पार्टिकल की खोज की और दर्शाया कि कैसे गॉड पार्टिकल इस यूनिवर्स को जोड़े रखने का काम करता है. 2012 में गॉड पार्टिकल की खोज हुई और 2013 में वैज्ञानिक को फिजिक्स का नोबल प्राइज़ दिया गया. दुःख की बात ये है कि गॉड पार्टिकल की खोज करने वाले वैज्ञानिक पीटर हिग्स ने 8 अप्रैल को दुनिया से अलविदा कह दिया।
गॉड पार्टिकल का भारत से क्या नाता है?
God Particle को खोजने में भारत की भी महत्पूर्ण भूमिका रही है. Higgs Boson Particle में जो Higgs है वो तो खोजकर्ता Peter Higgs के नाम पर है लेकिन ये Boson नाम आया है भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस के नाम से. जुलाई 2012 में NYT ने सत्येंद्र नाथ बोस को FATHER OF GOD PARTICLE बताया था.
बोस ने क्वांटम स्टेटिस्टिक्स पर एक शोधपत्र लिखा और एक ब्रिटिश जर्नल को प्रकाशन के लिए भेजा लेकिन यह प्रकाशित नहीं हो सका।
बोस ने 1924 में अलबर्ट आइंस्टीन को एक पत्र लिखा और साथ में अपना शोधपत्र उन्हें भेज दिया। आइंस्टीन ने बोस के काम के महत्व को समझते हुए उसे एक जर्मन जर्नल में प्रकाशित करवा दिया। इस जर्नल में ही पहली बार बोसोन शब्द का इस्तेमाल हुआ। सत्येंद्र नाथ बोस की खोज को आइंस्टीन ने ही ‘बोसोन’ नाम दिया था।