आप सभी ने इच्छाधारी नागिन, जलपरी के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन ये सभी ये एक काल्पिन पात्र हैं, जो किस्से कहानियों के लिए बनाये जाते थे. लेकिन आखिर एक व्यक्ति ऐसी कल्पना कैसे कर लेता है, इसका कुछ तो आधार जरूर होगा जिससे मिलते-जुलते ये काल्पनिक किरदार बनाये जाते हैं. आज हम एक ऐसी स्त्री के बारे में बात करेंगे जो आज के समय में सिर्फ कहानी का एक काल्पनिक पात्र बन कर रह गई है। लेकिन एक समय था जब ये स्त्री सच में होती थी। लेकिन इसे स्त्री नहीं विषकन्या कहा जाता था। विषकन्या एक ऐसी स्त्री जो अपने स्पर्श मात्र से किसी को भी मौत की नींद सुला सकती थी। आज हम बताएंगे कि कैसे एक एक लड़की विषकन्या बनती थी, और क्यूं उसे ही ये जहरीली शक्ति मिलती थी.
राजाओ के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक थी विषकन्या
विषकन्याए यूँ ही किसी को भी अपना शिकार नहीं बनती थी, बल्कि उन्हें राज्य की रक्षा के लिए दुश्मनो के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता था, ये विषकन्याए दुश्मनों के इलाके में जा कर उन्हें अपनी खूबसूरती से मोहित करती थी. राजा-महाराज खूबसूरत लड़कियों से अपना दिल बहलाते थे उन्ही लड़कियों के झुण्ड में जाना ही इनका मकसद होता था और विषकन्या आम लड़कियों के मुकाबले बेहद खूबसूरत और आकर्षित दिखती थी जिसकी वजह से ये दुश्मन राजाओं की नज़रो में आ जाती थी और फिर ये दुश्मन के नज़दीक जाती और उनसे शारीरिक सम्बन्ध बनाते वक्त काट लेती क्युकी इनके खून में हज़र होता है, इस वजह से काटने से दुशमन की मौत हो जाती है।
आखिर एक लड़की विषकन्या कैसे बनती है
प्राचीन काल में निम्न वर्ग की लड़कियां या वे जो अनाथ हो जाती थी उन्हें बचपन से ही थोड़ा थोड़ा जहर पियाला जाता था, जिसमे से कुछ लड़कियां ज़हर पिने के बाद मर जाती थीं लेकिन कुछ बच्चियां ज़हर पचा जाती थी जिसके बाद इन्हे ज़हर की लत जाती है और वो ज़हरीली बन जाती थीं फिर उन्हें दुश्मन के खिलाफ प्रशिक्षित किया जाता था. ये विषकन्याए सांप से अपने जीभ को कटवाती थी ताकि सांप का ज़हर इनके अंदर आ जाये। ऐसे एक लड़की विषकन्या बनती थी.