Upendra Kushwaha on collegium system: काराकाट से एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करेंगे। मंच पर मौजूद थे गृह मंत्री अमित शाह।
Upendra Kushwaha on collegium system: पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कोलेजियम प्रणाली पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ने कहा कि सत्ता में वापस लौटने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की ‘अलोकतांत्रिक’ कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का एक नया प्रयास करेगा।
बिहार की काराकाट सीट से एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा ने अमित शाह की उपस्थिति में यह बयान दिया। कुशवाहा ने कॉलेजियम प्रणाली अपना तर्क विस्तार से रखा। कॉलेजियम सिस्टम में कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि इसमें वंचितों, ओबीसी समाज और स्वर्ण जाति के गरीब लोगों के लिए भी न्यायपालिका के दरवाजे बंद कर दिए हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में खंडपीठों की संरचना प्रकाश डाले तो आपको कई खामियां दिखेगा। कॉलेजियम प्रणाली पर गिने चुने कुछ सौ परिवार के सदस्यों का कब्जा है। यही कारण है कि वर्तमान राष्ट्रपति से लेकर पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों ने इस विसंगतिपूर्ण कॉलेजियम प्रणाली खूब आलोचना की है।
पीएम मोदी के 2014 के पहले कार्यकाल में उपेंद्र कुशवाहा मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री थे। कुशवाहा ने 2014 में लाएंगे विधयक ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग’ पर जिक्र करते हुए अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि तब हमारी विधयक को सुप्रीम कोर्ट ने किसी कारण रद्द कर दिया था। उपेंद्र कुशवाहा ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का निशान साधा। उन्होंने कहा कि कई लोग भ्रष्टाचार करके जेल जाते हैं। फिर से वे लोग जमानत और जेल के बीच झूलते रहते हैं। कॉलेजियम प्रणाली पर सबसे पहले एनडीए आवाज उठाया। एनडीए ही है जो यह कॉलेजियम प्रणाली को बदले की बात कह रहा है।