UP Teacher Recruitment 69000 : एक अंक से चूके अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी , हाइकोर्ट ने दिए नियुक्ति पर विचार करने के निर्देश।

UP Teacher Recruitment 69000 : उत्तर प्रदेश की सबसे विवादित शिक्षक भर्ती मानी जा रही 69000 शिक्षक भर्ती में एक प्रश्न के गलत उत्तर का विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है।

बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद उन अभ्यर्थियों को राहत मिल सकती है जो इस भर्ती में एक अंक कम होने के कारण नियुक्ति से वंचित रह गए थे। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने पीएनपी सचिव को नियुक्ति पर विचार करने के लिए दो महीने का समय दिया है।

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यहां पढ़ें कौन सा प्रश्न रहा विवादित

वर्ष 2019 के पहले महीने की 6 तारीख को आयोजित 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक प्रश्न था, ‘शैक्षणिक प्रशासन उपयुक्त छात्रों को उपयुक्त शिक्षकों से उचित शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, ताकि वे अधिक उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण का सर्वोत्तम लाभ उठा सकें।

इस प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प दिए गए थे ‘(1) एसएन मुखर्जी द्वारा (2) कैंपबेल द्वारा (3) वेलफेयर ग्राम द्वारा (4) डॉ. आत्मानंद मिश्रा द्वारा’। बोर्ड ने विकल्प तीन को सही माना।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार की याचिका खारिज

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन वहां उसकी विशेष अपील 9 नवंबर 2022 को खारिज हो गई। इसके बाद बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में 25 अगस्त 2021 को दिए गए आदेश का अनुपालन करने के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (PNP) के सचिव को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया है।

अगली सुनवाई 9 फरवरी 2023 को निर्धारित

बुधवार को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के लिए जस्टिस रोहित रंजन की कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इस पर कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 के अपने आदेश का अनुपालन करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दिया। मामले में अगली सुनवाई 9 फरवरी 2023 को होगी।

नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश

गौरतलब है कि अभ्यर्थियों ने उत्तर कुंजी में एक प्रश्न के उत्तर पर आपत्ति जताई थी। हाईकोर्ट ने चारों विकल्पों को गलत मानते हुए एक अंक दिया और मेरिट के अनुसार याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया।इस भर्ती में एक अंक न दिए जाने से करीब एक हजार अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए थे।

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