UP Nameplate Controversy : उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के लिए मार्ग में लगने वाले ढाबे और दुकान संचालकों के नेमप्लेट पर राजनीति जमकर हो रही है। अखिलेश यादव के बयान पर अब संजीव बालियान का रिएक्शन आया है। उन्होंने 2013 के सांप्रदायिक दंगो को लेकर अखिलेश यादव पर तंज किया। उन्होंने कहा कि नाम लिखने की व्यवस्था सभी के लिए सामान्य रूप से अनिवार्य है। लेकिन सपा सरकार में केवल मुस्लिमों को विस्थापित मानकर पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। सपा ने धार्मिक मतभेद किया था।
नेम्पलेट पर अखिलेश यादव का बयान (UP Nameplate Controversy)
गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल संचालकों के नाम को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया था। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर लिखा, ‘मुजफ्फरनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आखिरकार होटल, फल, ठेलेवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो पीठ थपथपाई है, उतने से ही जनता मानने वाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से खारिज होने चाहिए। न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन प्रशासन नहीं करेगा।’
संजीव बालियान ने सपा पर कसा तंज
अखिलेश यादव (UP Nameplate Controversy) के इस बयान पर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व भाजपा नेता डा. संजीव बालियान ने उन्हें आईना दिखाया। संजीव बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर पुुलिस ने जो आदेश दिया, वह नया नहीं है बल्कि एक पुरानी और प्रचलित व्यवस्था है। जिसमें सभी होटल और दुकानों पर मालिकों का नाम लिखना अनिवार्य है। संजीव बालियान ने आगे लिखा कि 2013 के दंगो के समय सपा सरकार ने तो धार्मिक विभेद करते हुए केवल मुसलमानों को विस्थापित मानकर पांच लाख रुपये के मुआवजे का आदेश जारी किया था।
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नेम्पलेट को लेकर क्यों मचा बवाल (UP Nameplate Controversy)
प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबे और होटल मालिकों के नेम्पलेट (UP Nameplate Controversy) को लेकर सियासी बवाल जारी है। मगर नेम्पलेट को लेकर राजनीति में उबाल क्यों आया, यह भी जानना जरूरी है। दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब मुस्लिम होटल मालिक ने हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर दुकान, होटल और ढाबे का नाम रखा। हिंदू नेता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने X पर पोस्ट किया कि मुजफ्फरनगर में पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली-दून हाइवे पर ओम शिव वैष्णो होटल के मालिक का नाम आदिल राठौर था। इसी तरह खतौली में शिव पंजाबी ढाबा नाम की दुकान का मालिक भी मुस्लिम था।
पुलिस के दबाव पर बदली नेम्पलेट
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक ने दुकान के क्यूआर कोड को स्कैन किया। क्यूआर कोड स्कैन करते ही दुकान के संचालक की असली पहचान हुई। मुस्लिमों द्वारा हिन्दू देवताओं के नाम पर नेम्पलेट लगाने के मामले की जानकारी होने पर प्रशासन से शिकायत की गई। पुलिस ने जब आपत्ति की तो होटल मालिक आदिल राठौर ने नेम्पलेट (UP Nameplate Controversy) बदल कर ओम शिव वैष्णो होटल से वेलकम टू पिकनिक प्वाइंट टूरिस्ट ढाबा कर लिया था।
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