Trump Nuclear Weapons Testing Order: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 30 अक्टूबर 2025 को एक बड़ा ऐलान करते हुए परमाणु हथियारों (US Nuclear Weapon Test) का तत्काल परीक्षण करने का आदेश दिया है, जो 33 साल बाद पहली बार होगा। यह फैसला रूस (Russia Nuclear Activities) और चीन (China Nuclear Activities) के हालिया परमाणु गतिविधियों को जवाब देने के लिए लिया गया है। 30 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने पेंटागन (Pentagon) को निर्देश दिया है कि वे अन्य परमाणु शक्तियों (Nuclear Powers Test) के बराबर परीक्षण शुरू करें।
न्यूक्लियर वेपन क्यों टेस्ट करना चाहते हैं ट्रम्प
Why does Trump want to test nuclear weapons: ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “रूस और चीन के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण, मैंने पेंटागन को परमाणु हथियारों का तत्काल परीक्षण करने का आदेश दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि यह परीक्षण “बराबरी के आधार” पर होगा। यह ऐलान ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की बुसान, साउथ कोरिया (Busan, South Korea) में होने वाली बैठक से ठीक पहले आया।
रूस ने हाल ही में एक न्युक्लियर-पावर्ड क्रूज मिसाइल (Russia Nuclear-Powered Cruise Missile) और न्युक्लियर टारपीडो (Russia Nuclear Torpedo) का सफल परीक्षण किया, जबकि चीन ने अपने न्युक्लियर आर्सेनल (China Nuclear Arsenal) को दोगुना कर लिया है। 2025 में चीन के पास 600 न्युक्लियर वेपन्स (China Nuclear Weapons) हैं, जो 2020 में 300 थे। ट्रंप ने कहा, “हम पीछे नहीं रह सकते।”
न्युक्लियर विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न्युक्लियर आर्म्स रेस को और तेज करेगा। डॉ. स्टीफन श्लेज़िन्गर (Dr. Stephen Schlesinger), एक न्युक्लियर पॉलिसी एक्सपर्ट, ने कहा, “ट्रंप का यह फैसला रूस और चीन को और अधिक परीक्षण करने के लिए प्रेरित करेगा, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है।” वहीं, कुछ विशेषज्ञों ने इसे “जरूरी कदम” बताया, क्योंकि चीन और रशिया की गतिविधियां अमेरिका को चुनौती दे रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अन्य देशों ने इस फैसले पर चिंता जताई है। फ्रांस और ब्रिटेन ने कहा कि न्युक्लियर टेस्टिंग से वैश्विक तनाव बढ़ेगा। वहीं, रूस और चीन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है

 
		 
		 
		