MP: प्रदेश में बनेंगे ट्राइबल कैफेटेरिया, आदिवासी संस्कृति से रूबरू होंगे पर्यटक

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MP News: जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत काम करने वाले वन्या संस्थान ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा था. इसके बाद राज्य सरकार ने 5 ट्राइबल कैफेटेरिया की मंजूरी दी है. पर्यटन विकास निगम इन ट्राइबल कैफेटेरिया का संचालन करेगा। इसके लिए आदिवासियों के स्व-सहायता समूहों को जोड़ा जाएगा।

मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में अब ट्राइबल कैफेटेरिया खोले जाएंगे। मांडू, पेंच नेशलन पार्क, कान्हा नेशलन पार्क के पास ट्राइबल कैफेटेरिया तैयार किए जा रहे हैं. इससे पर्यटकों को आदिवासी भोजन, संस्कृति और शिल्पकारी से रूबरू होने का मौका मिलेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऐसा करके न केवल पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि स्थानीय आदिवासी परिवारों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे। कैफेटेरिया में स्थानीय आदिवासी पकवान, हस्त शिल्प और पारंपरिक सजावट उपलब्ध होगी, जिससे पर्यटक अनोखे सांस्कृतिक एवं पारिवारिक अनुभव का आनंद ले सकेंगे।

पहले चरण में बनेंगे तीन कैफेटेरिया

जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत काम करने वाले वन्या संस्थान ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा था. इसके बाद राज्य सरकार ने 5 ट्राइबल कैफेटेरिया की मंजूरी दी है. पर्यटन विकास निगम इन ट्राइबल कैफेटेरिया का संचालन करेगा। इसके लिए आदिवासियों के स्व-सहायता समूहों को जोड़ा जाएगा। ये समूह क्षेत्रीय आदिवासियों के पारंपरिक व्यंजन तैयार कर इस कैफेटेरिया से बिक्री करेंगे। पहले चरण में प्रदेश के 3 जिलों में ट्राइबल कैफेटेरिया बनाए जाएंगे। जिसके लिए डिजाइन भी फाइनल हो चुकी है. दूसरे चरण में छतरपुर सहित अन्य जिलों में भी ऐसे ही ट्राइबल कैफेटेरिया खोले जाएंगे।

व्यंजन और शिल्पकारी प्रोडक्ट बिकेंगे

ट्राइबल कैफेटेरिया में आदिवासियों के पोषक आहार कोदो-कुटकी, पेज, ज्वार-बाजरा, मक्का-महुआ, आदि से बने व्यंजन, मिठाई, हलवा बेचे जा सकेंगे। साथ ही आदिवासियों की शिल्पकारी, चित्रकारी, खिलौने, बांस से बने प्रोडक्ट आदि बेचे जा सकेंगे।

जनजातीय क्षेत्र प्रशासन के तहत मिली विकास राशि

कैफेटेरिया के लिए जनजातीय क्षेत्र प्रशासन के अंतर्गत विकास राशि प्राप्त हो गई है. ये ट्राइबल कैफेटेरिया जनजातीय कार्य विभाग के पूर्ण स्वामित्व में वन्या संस्थान के माध्यम से एमपीटी द्वारा चलाए जाएंगे। ट्राइबल कैफेटेरिया के लिए एमपीटी जनजातीय वर्ग के स्व-सहायता समूहों को समुचित प्रशिक्षण व तकनीकी मार्गदर्शन भी देगा।

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