Haryana Election 2024 : भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 67 पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भले ही टिकट से वंचित नेताओं और उनके समर्थकों ने बागी तेवर अपना लिए हों, लेकिन पार्टी ने सर्वे में जीते प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है। भाजपा ने जिन पांच पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया है, वे पार्टी के सर्वे में अन्य दावेदारों से काफी आगे थे।
भाजपा ने टिकट आवंटन में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की पसंद का ख्याल तो रखा, लेकिन साथ ही उनके विरोधियों को चुनावी मैदान में उतारकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि प्रत्याशियों की जीत ही पार्टी का एकमात्र आधार है। सर्वे में आगे रहे नेताओं के बेटे-बेटियों और दल बदलने वाले नेताओं को भी टिकट देने से परहेज नहीं किया है।
इन नेताओं को क्यों रखा गया दूर? Haryana Election 2024
भाजपा नेतृत्व ने 10 साल से सत्ता पर काबिज सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी की संभावना को देखते हुए 40 सीटों पर बदलाव किया है, जिसमें 25 सीटों पर नए चेहरे उतारे गए हैं। टिकट वितरण में भाजपा संगठन हावी रहा है, जिसमें आरएसएस की भूमिका अहम रही। खास बात यह रही कि संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे नेताओं को टिकट से दूर रखा गया है, जबकि उन नेताओं को टिकट मिला है।
संगठन मंत्री को टिकट देने से परहेज पार्टी
हाईकमान ने पहले ही भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। पार्टी ने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, प्रदेश महासचिव कृष्ण कुमार बेदी, डॉ. अर्चना गुप्ता और सुरेंद्र पुनिया को भी टिकट नहीं दिया है। भाजपा की नई टीम में पूर्व मंत्री कविता जैन भी प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, जिनका टिकट काटा गया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री विपुल गोयल पार्टी सर्वे में मजबूत पाए गए हैं।
अहीरवाल में सबसे ज्यादा पांच टिकट कटे
दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल बेल्ट पर ज्यादा फोकस इस बार भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा की 23 सीटों पर ज्यादा फोकस किया है। इसमें अहीरवाल बेल्ट की आधा दर्जन सीटें शामिल हैं जो केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के प्रभाव वाली हैं। भाजपा ने यहां सबसे ज्यादा पांच नेताओं के टिकट काटे हैं। फिलहाल 11 सीटें होल्ड पर हैं।
बीजेपी की प्राथमिकता में जाट और दलित वोटर हैं।
हरियाणा में एससी वर्ग को साधने के लिए बीजेपी ने 13 उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है, जिनमें से राज्यसभा सदस्य कृष्णलाल पंवार को टिकट मिला है, जबकि दूसरे बड़े दलित चेहरे पर पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल पर दांव लगाया गया है। जाट वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी ने पिछला चुनाव हारे जाट नेताओं को फिर से टिकट दिया है।