Men Never Cry: मर्द हो तो रोना नहीं है, ये कौन सी किताब में लिखा है ? मर्द की आंखों में पानी नहीं होता कौन से वैज्ञानिक ने सिद्ध किया है? फिर क्यों हमारे समाज में मर्द के रोने पर पांबदी लगा दी गई है. मर्द को दर्द नहीं होता, मर्द को रोना नहीं चाहिए। क्यों भाई मर्द इंसान नहीं है? उनका शरीर क्या लोहे का बना होता है? क्या मर्द के अंदर भावनाएं नहीं होती? बचपन से ही लड़कों को यहीं सिखाया जाता है कि तू मर्द है और रोना तो औरतों का का काम है। अगर मर्द रोता है तो बोला जाता है कि तू मर्द होकर रो रहा है. यही बात मर्दों को रोने से रोक लेती है। क्या रोने की भी कैटेगरी होती आइए जानते हैं?
हाल ही में पुरुषों के मेंटल हेल्थ पर ब्रिटिश टेलीविजन सर्वाइवल होस्ट बेयर ग्रिल्स ने एक एप लॉन्च के दौरान बेयर ग्रिल्स ने बताया कि वो अक्सर रोते हैं। उनका कहना है कि ये जरुरी भी है, एक तरह की थेरेपी की तरह काम करता है। अगर पुरुष को नहीं चाहिए तो भगवान नें पुरुषों की आँखों में टियर डॉट या आँसू क्यों दी। क्या बेयर की इस बात के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण हैं और रोने से हमारे में क्या बदलाव आते हैं। आइए समझते हैं।
रोना भी स्वास्थ्य के लिए जरुरी है
- फ्रंटियर्स साइकोलॉजी के एक रिसर्च में देखा गया कि रोने की वजह से पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम(PNS) एक्टिवेट होता है। जो मन शांत करने में हमारी मदद करता है।
- ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन नाम के हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दर्द में आराम पहुंचाते हैं।
- हेल्दी स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल रिलीज होता है, जो रोने के बाद मन हल्का करने में मदद करता है।
- ‘बेयर ग्रिल्स’ कहते हैं रोने से शारीरिक और मानसिक दर्द से राहत मिलता है।
नहीं रोने के नुकसान
- नहीं रोने से इंसान के भावनाओं में असंतुलन की समस्या हो जाती है।
- आंसू बहार ना निकलने की वजह से तनाव बढ़ता है और तनाव बढ़ने से इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है।
- आँखों में नमी की कमी हो सकती है, जिसका आँखों पर बुरा असर पड़ता है।
- नहीं रोने से हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता है।