Rewa MP News: शब्द साँची हमेशा अपने वीडियोस और न्यूज़ कंटेंट के माध्यम से समाज में होने वाली पॉजिटिव गतिविधियों को प्रसारित करने का काम करता है। आज हम एक पॉजिटिव शार्ट स्टोरी लेकर आये हैं।
यह कहानी है सफल कृषक बृजेन्द्र सिंह की। जो प्राकृतिक खेती व फसल विविधीकरण कर धन धान्य से परिपूर्ण हो गये हैं। कृषक बृजेन्द्र सिंह ने अलग-अलग जमीन में सभी प्रकार की फसल उगाकर जहां एक ओर मुनाफा तो कमाया ही है वहीं दूसरी ओर स्वस्थ्य अनाज तो स्वस्थ्य इंसान का भी संदेश दिया है।
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जन सम्पर्क विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा जिले के सिरमौर जनपद अन्तर्गत बीरखाम निवासी बृजेन्द्र सिंह ने फसल विविधीकरण कर वर्मी कम्पोस्ट व संतुलित रासायनिक खाद का प्रयोग करते हुए कम लागत में अच्छी कमाई की है।
सिंह बताते हैं कि फसल विविधीकरण से जमीन का स्वास्थ्य सुधरता है और प्राकृतिक खेती में गाय के मूत्र और गोबर से बनी खाद के प्रयोग से अनाज में पोषक तत्व रहते हैं जो इंसान को स्वस्थ्य रखने में मददगार होते हैं
कृषक बृजेन्द्र सिंह ने प्रौद्योगिकी व नवाचार अपनाकर गैर रासायनिक, कम लागत और जलवायु लचीली खेती कर स्थानीय संसाधन के पौधों का रोपण करते हुए बाजार की आत्मनिर्भर कम की। उन्होंने कृषि आदान जैसे जीवामृत, बीजामृत, धन जीवमृत आदि अपने घर में ही तैयार किये।
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रासायनिक कीटनाशकों व कवकनाशी के स्थान पर अर्क बनाकर इसका उपयोग किया जिससे जमीन के साथ ही मनुष्य का भी स्वास्थ्य अच्छा रहा। उन्होंने प्रतिवर्ष 20 से 25 लाख रूपये के मुनाफे से अपना घर भी बनवाया और लोगों को प्राकृतिक खेती, खेत पाठशाला व तकनीकी नवाचार को अपनाने का संदेश भी दिया है।