MP News: मध्य प्रदेश की दमोह लोकसभा सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने- अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर दिए हैं. खास बात तो यह है कि इस सीट से एक ही पार्टी के दो पूर्व विधायक आमने-सामने होंगे।
MP Lok Sabha Election 2024 News: चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी भी तेज हो रही है. भारतीय जनता पार्टी 29 तो कांग्रेस ज्यादा तर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर चुकी है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी-अपनी लिस्ट में पूर्व विधायकों और वर्त्तमान विधायकों को मौका दिया है. दमोह लोकसभा भी ऐसी सीट है जहां से बीजेपी और कांग्रेस दोनों कांग्रेस के पूर्व विधायकों को मौका दिया है. कांग्रेस की बात करें तो बंडा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं बीजेपी ने दमोह से पूर्व विधायक (कांग्रेस) राहुल लोधी को अपना प्रत्याशी है.
बीजेपी से राहुल लोधी ही क्यों
Damoh Lok Sabha Seat news: साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल लोधी और तरवर सिंह विधायक चुने गए थे. लेकिन 2020 में सिंधिया के दलबदल के कुछ समय बाद प्रह्लाद पटेल उमा भारतीय के कहने पर बड़ामलहरा विधायक प्रदुमन लोधी (Praduman Lodhi) और दमोह विधायक राहुल लोधी (Rahul Lodhi) ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. जिसके बाद हुए उपचुनाव में प्रदुमन लोधी सीट बचाने में तो सफल रहे लेकिन राहुल लोधी बुरी तरह चुनाव हार गए.
उस हार की जिम्मेदारी राहुल लोधी, पूर्व वित् मंत्री जयंत मलैया और उनके बेटे को बताया था. जिसके बाद पार्टी ने जयंत मलैया के बेटे को पार्टी से बहार का रास्ता दिखाया। लेकिन विधानसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले जयंत के बेटे को फिर से बीजेपी में शामिल कराई गई. जो राहुल लोधी के चिंता का विषय बन गई. जॉइनिंग के साथ बीजेपी ने जयंत मलैया को एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बना दिया है.
राहुल पार्टी के इस फैसले के बाद शांत रहे. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रहलाद के आश्वासन के चलते पार्टी के लिए काम करते रहे. इसका नतीजा ये रहा कि पार्टी ने राहुल लोधी को दमोह लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया.
जानकार बताते हैं कि अगर उपचुनाव की तरह ही जयंत मलैया और उनके समर्थक इस बार अगर राहुल का सपोर्ट नहीं करते हैं. तो इस सीट पर बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
कांग्रेस तरवर ही क्यों कांग्रेस उम्मीदवार?
बंडा विधानसभा से पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी अपने शांत स्वाभाव और पार्टी के प्रति निष्ठा के लिए जानें जाते हैं. इसके आलावा ऐसा कहा जाता है कि राहुल लोधी उनके रिस्तेदार हैं. जिस वजह से पार्टी ने उन्हें यहां से मैदान में उतारा है.
जातीय समीकरण की बात करें तो राजनितिक जानकारों का मानना है कि कास्ट कॉम्बिनेशन को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ा जाता है, लोधी बाहुल्य सीट होने की वजह से ज्यादातर राजनितिक दल इसी वर्ग से आने वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाते हैं. यही वजह है की कांग्रेस यहां से राहुल लोधी को टक्कर देने के लिए तरवर से अच्छा कोई और विकल्प नहीं था. इसके आलावा तरवर की बात करें तो वो राहुल लोधी के साथ काम कर चुके हैं, मतलब कांग्रेस के दो पूर्व विधायक सांसद के चुनावी रण में अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
ये विधानसभा क्षेत्रों में आता है दमोह
दमोह लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, जिनमें चार सीटें दमोह जिले की दमोह, पथरिया, जेबरा और हटा शामिल हैं. इसके अलावा तीन सीटें सागर जिले की बंडा देवरी और रहली शामिल हैं, जबकि छतरपुर जिले की की सीट बडामलहर शामिल है. हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में इन 8 सीटें में से 7 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. जबकि 1 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है.
क्या है दमोह लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण?
दमोह लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा अहम जातिगत समीकरण माना जाता है. लोधी बाहुल्य सीट होने की वजह से ज्यादातर राजनीतिक दल इसी वर्ग से आने वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाते हैं. यहां लोधी, कुर्मी वर्ग यानि ओबीसी यहां 22.4 प्रतिशत के आसपास है. इसके अलावा वैश्य, जैन यानि सवर्ण 7 प्रतिशत के आसपास माने जाते हैं. जबकि ब्राहमण-राजपूत 10 प्रतिशत हैं, वहीं आदिवासी वर्ग 9.6 प्रतिशत हैं, जबकि यादव मतदाता भी 5.7 प्रतिशत हैं. 2019 के चुनाव में वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल को बीजेपी ने चुनाव लड़वाया था. प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप लोधी को 2 लाख 13 हजार 299 वोटों से हराया था.