The strictness of the Municipal Corporation Commissioner is ineffective: रीवा नगर निगम आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे ने शहर के प्रमुख मार्गों पर बढ़ते अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की शिकायतों पर सख्त तेवर दिखाते हुए अतिक्रमण दस्ते को फटकार लगाई। जयस्तंभ से धोबिया टंकी समेत अन्य मुख्य मार्गों पर नियमित अभियान, सामान जब्ती और टोइंग व्हीकल को जोन 2 व 3 में सक्रिय करने के साफ निर्देश दिए। दिखावटी कार्रवाई, पक्षपात या दोबारा कब्जे को सिरे से खारिज करने की चेतावनी दी।
अतिक्रमण नियंत्रण को निगम की प्राथमिक जिम्मेदारी बताते हुए बिना यूनिफॉर्म ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की एक दिन की वेतन कटौती का आदेश भी जारी किया।लेकिन आयुक्त की यह सख्ती कागजी शेर साबित हुई। अतिक्रमण दस्ते पर कोई असर नहीं पड़ा। शहर की सड़कें अतिक्रमण की भेंट चढ़ रही हैं, मगर जिम्मेदार अमला आंखें मूंदे खड़ा है। उड़नदस्ते की निष्क्रियता पर सवाल गहरा रहे हैं।
ग्राउंड जीरो से सबूत
गुरुवार को विक्रम पुल घोघर मोड़ पर सब्जी विक्रेताओं ने सड़क किनारे दुकानें सजा रखी थीं। नगर निगम का उड़नदस्ता मौके पर पहुंचा, कुछ पल ठिठका और बिना कोई कार्रवाई किए चला गया। दुकानदारों ने दुकान से बाहर पांच फीट तक सामान फैला रखा था, जिससे जाम लगना तय था, मगर दस्ते ने अनदेखा किया। इसी क्रम में दस्ता जयस्तंभ चौक पहुंचा। यहां फल व्यापारी ने दुकान के बाहर पूरे 12 फीट तक अतिक्रमण कर रखा था। व्यापारी को टोकने की हिम्मत तक अमले में नहीं हुई।
परिषद में हंगामा, सड़क पर खामोशी
परिषद की पिछली बैठक में सत्ता-विपक्ष दोनों पक्षों के पार्षदों ने अतिक्रमण हटाने की पुरजोर मांग की थी। लेकिन बैठक के बाद सब शांत। न कार्रवाई, न जवाबदेही। शहरवासी पूछ रहे हैं कि आयुक्त के फरमान के बावजूद अतिक्रमण दस्ता खामोश क्यों? कब तक सड़कें दुकानों की भेंट चढ़ती रहेंगी?
