8th Pay Commission की इस खबर से केंद्रीय कर्मचारियों के उड़े होश!

8th Pay Commission latest news in hindi: 8वें वेतन आयोग को लेकर फरवरी मार्च से ही अपडेट आने लगे थे यहाँ तक की सरकार ने इस पर अपनी मुहर भी लगा दी थी. लेकिन वर्तमान स्थिति बिल्कुल उलट है जी हाँ सरकार की ओर से अभी तक आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. जबकि 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और जनवरी 2016 से लागू हुआ था. ऐसे में 8वां वेतन आयोग के गठन होने और उसके लागू होने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लगा जोर का झटका

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लेकर 8वें वेतन आयोग की चर्चा तेज होती जा रही है, लेकिन इसके समय पर लागू होने की संभावना अब कम ही दिख रही है. अगर इसी तरह के हालात बने रहे, तो यह आयोग जनवरी 2026 की निर्धारित समयसीमा से चूक सकता है. जी हां जब केंद्र से देरी होगी तो राज्यों में देरी होना आम बात है.

कर्मचारी संगठनों की तेज हुई मांग

गौरतलब है कि, 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया 2025 के मध्य तक भी शुरू नहीं हो सकी है. कर्मचारी संगठनों ने समय पर आयोग गठित करने की मांग तेज कर दी है ताकि रिपोर्ट समय रहते तैयार हो सके. और 8वें वेतन आयोग का फायदा जनवरी 2026 से मिल सके.

क्यों होगी देरी और कब तक होगा लागू

सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल आंतरिक चर्चा चल रही है, लेकिन नौकरशाही प्रक्रिया और आवश्यक मंजूरियों में लगने वाला समय देखते हुए, यह आयोग 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही लागू हो पाएगा. इसके अलावा, चुनावी वादे, कल्याणकारी योजनाएं और राजकोषीय घाटे की सीमाएं भी सरकार के लिए वेतन में बड़ी वृद्धि को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं.

लागू होगा ये फिटमेंट फैक्टर

वेतन संशोधन में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला फिटमेंट फैक्टर इस बार 2.5 से 2.86 के बीच रह सकता है. यदि यह 2.7x तक भी पहुंचता है, तो न्यूनतम वेतन 45,000 से 48,000 रुपए तक जा सकता है. हालांकि, उच्चतम 2.86x का आंकड़ा वित्तीय दृष्टि से कठिन माना जा रहा है. पिछली बार, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था.

DA मूल वेतन में जोडा जायेगा

महंगाई भत्ते (DA) को भी नए मूल वेतन में जोड़ा जाएगा. जनवरी 2025 तक केंद्र सरकार का DA 55% है, जिसे आयोग लागू होने पर मूल वेतन में समाहित किया जाएगा. इससे प्रारंभिक DA शून्य से शुरू होगा, लेकिन भविष्य में हर वृद्धि का प्रभाव अधिक होगा. पेंशनभोगियों को भी इस आयोग से लाभ होगा. पेंशन फॉर्मूला में बदलाव और DR का विलय मासिक पेंशन में सुधार ला सकता है.

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