देश में बढ़ रहे रोड एक्सीडेंट के आकड़ों ने चौकाया, परिवहन मंत्रालय ने बताई हादसों की वजह

increasing figures of road accidents in the country shocked

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमे चौकाने वाले आकड़ें सामने आएं हैं.

रिपोर्ट में आकड़ों के साथ साथ हादसों के कारण का भी खुलासा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2022 की वार्षिक रिपोर्ट में सड़क हादसों को लेकर हैरान करने वाले खुलासे किये हैं. इस रिपोर्ट में हादसों के साथ साथ हादसों की वजह भी बताई गयी है.

इस रिपोर्ट में बताया गया है की 18 से 60 वर्ष के काम काजी लोगो की जान सड़क हादसों में ज्यादा जा रही है. पिछले साल इन दुर्घटनाओं में लगभग 1.6 लाख लोग काल के गाल में समा गए जबकि 4 लाख लोग गंभीर रूप से घायल हुए. इसमें नेशनल हाईवे पर 61,038, तो वहीँ राज्य राजमार्गों पर 41,012 तथा अन्य सड़कों पर 66,441 मौतें हुईं.

रिपोर्ट में बतया गया है की 2022 में हुई दुर्घटनाओं में उल्टी दिशा में गाड़ी चलाने से 67,000 लोगों की मौत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं जबकि इन दुर्घटनाओं में से 1,51,997 लोगों की मौत एक्सप्रेस-वे सहित अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं हैं जबकि 1,06,682 राज्य के राजमार्गों पर हुईं.

कामकाजी लोग हादसे के चपेट में ज्यादा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में दुर्घटनाओं में हुई मौतों में 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के लोग 66.5 फीसदी हैं. जबकि 18-60 वर्ष के कामकाजी लोग 83.4 फीसदी हैं. इसमें ये भी कहा गया है कि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग शिकार हुए हैं.

यूपी और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मौत

राज्यों में लगातार पांचवें साल सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है. यहां साल 2022 में 22,595 लोगों की दुर्घटना से मौत हो गई थी. इसके बाद तमिलनाडु में 17,884 सड़क हादसे में मारे गए. इसके बाद मध्य प्रदेश है, जहां 54,432 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं.

रोज़ औसतन 462 मौत

रिपोर्ट में एक भयावह आंकड़ा भी सामने आया है. 2022 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2021 की तुलना में 11.9 प्रतिशत बढ़ गई है और इसी तरह सड़क दुर्घटनाओं में मौत और घायलों की संख्या में भी क्रमशः 9.4 और 15.3 फीसदीऊपर हो गयी. रिपोर्ट के अनुसार रोजाना 1,264 सड़क दुर्घटना और 462 मौत, यूँ कहें तो हर घंटे 53 दुर्घटना और लगभग 19 मौत होती है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि नेशनल हाई वे पर युवाओं के ज्यादा स्पीड में वाहन चलाने से सड़क हादसे ज्यादा हो रहे हैं और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.

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