सलमा आग़ा के सितारों की बुलंदियाँ ,क्या था उनकी बिल्लौरी अँखियों में जो डूब जाते थे लोग !

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Happy Birthday Salma Agha :इतनी फिल्में आई गईं लेकिन एक फिल्म ऐसी है जो अपना एक ख़ास मक़ाम रखती है ,अपनी स्टोरी को लेकर ,अपने गानों को लेकर यहां तक कि अपने बेमिसाल संवाद लेखन के लिए भी ,जिसके लिए डॉ. अचला नागर ने फिल्म फेयर पुरस्कार जीता था और ये फिल्म अदाकारा की बेमिसाल खूबसूरती और गायन शैली को लेकर भी चर्चा में रहती है जी हां बी आर चोपड़ा के बैनर तले बनीं ये फिल्म थी “निकाह “जिसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं सलमा आग़ा, राज बब्बर और दीपक पाराशर ने। गाने गाए थे, सलमा आग़ा और महेंद्र कपूर ने जिनके बोल ऐसे थे कि जज़्बातों का सैलाब रोके नहीं रुकता और संगीत ऐसा कि मौसिक़ी की झंकार दिल तक दस्तक देती है जी हां ये दिलनशीं गीत लिखे थे हसन कमाल ने और संगीत था रवि का। सलमा आग़ा ने अपनी आवाज़ और अदाकारी से इस फिल्म में जो चार चाँद लगाए थे उसकी चमक आज भी सिनेमा जगत में बरक़रार है ,उस रौशनी की बातें उसी पुरजोशी से आज भी होतीं है क्योंकि इस फिल्म के गीतों को गाने के लिए सलमा आग़ा ने 1983 में फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता था ,और अपनी पहली भारतीय फिल्म से भारतीय सिनेमा के पटल पर अपना नाम सदा के लिए अंकित भी कर लिया था क्योंकि उनकी आवाज़ और ख़ूबसूरती दोनों ही बहोत दिलकश और मुख़्तलिफ़ हैं।
इसके बाद उन्होंने कई पाकिस्तानी और भारतीय फिल्मों जैसे -‘क़सम पैदा करने वाले की’, ‘फूलन देवी’1989 ‘कोबरा’, ‘पति पत्नी और तवायफ’, ‘ऊंचे लोग’ जैसी फिल्मों में एक्टिंग की और गाने भी गाए और 1988 में “बाज़ार ए हुस्न” में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ख़िताब जीता । इसके अलावा अपने ग़ैर फिल्मी एल्बमों और ग़ज़लों के ज़रिए वो हमेशा संगीत प्रेमियों के लिए एक से बढ़कर एक नज़राना पेश करती रहीं।

कैसे जुड़ा कपूर ख़ानदान से नाता :-

1954 को पाकिस्तान कराची में पैदा हुई सलमा की ,पढ़ाई लंदन में हुई,वो लियाकत गुल आग़ा और नसरीन आग़ा की बेटी हैं। लियाकत गुल ताजिक,कीमती पत्थरों और ऐंटीक चीजों के कारोबारी थे जिन्हें आग़ा का खेताब दिया गया था और मां नसरीन प्रसिद्ध संगीतकार रफीक गज़नवी और अनवरी बाई बेगम की बेटी थीं, जो भारतीय सिनेमा की शुरुआती अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने हीर रांझा (1932) में अभिनय किया था। नसरीन की पैदाइश के बाद अनवरी और रफीक गज़नवी अलग हो गए और फिर अनवरी जी ने भारतीय व्यवसायी जुगल किशोर मेहरा से शादी कर ली, जो अभिनेता राज कपूर के चचेरे भाई थे , इस तरह सलमा का नाता कपूर परिवार से जुड़ गया। वो कहती है 30 के दशक में जो पहली ‘हीर रांझा’ फिल्म बनी थी उसमें उनके नाना जुगल किशोर मेहरा रांझा यानी हीरो के किरदार में थे और नानी हीर या हीरोइन थीं। वो ब्रितानी हैं , जिसकी वजह से उन्हें 2016 में भारत में ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ इंडिया लेना पड़ा।

कई बार प्यार हुआ 3 शादियाँ भी कीं पर सच्चा प्यार न मिला :-

पहला प्यार उन्हें न्यू यॉर्क के बिजनेसमैन महमूद सिप्रा से हुआ लेकिन बात शादी तक पहुँचने के बाद भी रिश्ता टूट गया ,फिर आपकी जिंदगी में पाकिस्तानी एक्टर महमूद आए जिनके लिए वो फिल्मों से भी दूर हो गईं लेकिन फिर बदले में मिली मायूसी लेकिन फिर उन्होंने अपने करियर को बचाने के लिए पाकिस्तानी एक्टर जावेद शेख से शादी कर ली पर बदक़िस्मती देखिये कि ये रिश्ता भी ज़्यादा दिन न चल सका और तलाक हो गया हिम्मत कर के 1989 में सलमा ने मशहूर स्क्वाश खिलाड़ी रहमत खान से निकाह किया और दो बच्चों की माँ बनी लेकिन साल 2010 में ये रिश्ता भी टूट गया उनकी बेटी साशा के बारे में आपको बता दें कि उन्होंने 2013 में अर्जुन कपूर के साथ फिल्म ‘औरंगज़ेब ‘ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था । सलमा ने आखिरी बार 2011 में दुबई के बिज़नेसमैन मंज़र शाह से शादी की लेकिन वो भी न चल सकी और तलाक हो गया , इस अंजाम के बाद फिर कभी उन्होंने शादी नहीं की, कभी-कभार बतौर गुलूकारा वो आज भी हमारे लिए कुछ ग़ज़लें और नग़में लेकर आती हैं लेकिन एक्टिंग से पूरी तरह दूरी बना ली है।

आखिर में हम यही कहेंगे कि शफ़्फाक दमकते जिस्म में बिल्लौरी आंखों के साथ उम्दा अदाकारी का ये सुरूर 80 और 90 के दशक पर पुर ज़ोर अंदाज़ से छाया रहा जिसे आप गुनगुना के महसूस कर सकते हैं ,”दिल के अरमां आंसुओं में बह गए ….” फिज़ा भी है जवाँ जवाँ ,हवा भी है रवाँ रवाँ….”।

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