अहमदाबाद विमान हादसे का कारण पता चल गया

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त (Air India Plane Crash) हो गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, लेकिन टेकऑफ (Takeoff) के महज 32 सेकंड बाद यह मेघानी नगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में गिरकर ध्वस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर 29 लोगों की जान चली गई। कुल मिलाकर 270 लोगों की मौत (Death Toll) की पुष्टि हुई है।

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे का कारण दोनों इंजनों का बंद (Engine Failure) हो जाना था। जांच में पता चला कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच (Fuel Control Switches) रन से कट-ऑफ स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई।

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder) में पायलटों के बीच बातचीत में एक पायलट को यह कहते सुना गया, “आपने कट-ऑफ क्यों किया?” जिसका दूसरा पायलट जवाब देता है, “मैंने ऐसा नहीं किया।” यह रहस्य बना हुआ है कि स्विच अपने आप कट-ऑफ स्थिति में कैसे चले गए।

विमान ने 625 फीट की ऊंचाई (Altitude) हासिल की थी, लेकिन इसके बाद यह तेजी से नीचे गिरने लगा। पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की, जिसमें इंजन 1 (N1) आंशिक रूप से शुरू हुआ, लेकिन इंजन 2 क्रैश होने से पहले चालू नहीं हो सका। विमान दुर्घटना स्थल (Crash Site) पर मलबे में तब्दील हो गया, जिससे भारी आग लग गई और गाढ़ा काला धुआं (Thick Black Smoke) उठा।

हादसे में केवल एक यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्‍वासकुमार रमेश (Sole Survivor), जीवित बचे। वह सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट (Emergency Exit) के पास थी। रमेश ने बताया कि दुर्घटना के बाद वह किसी तरह सीट से निकले और मलबे से बाहर आए। उनकी जान बचने को विशेषज्ञों ने चमत्कार (Miracle) करार दिया है।

हादसे के बाद बचाव कार्य (Rescue Operations) में एनडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों ने हिस्सा लिया। 300 से अधिक अग्निशामक, 60 फायर वाहन और 20 वाटर बाउजर तैनात किए गए। अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में शवों की पहचान (DNA Testing) के लिए डीएनए नमूने एकत्र किए गए, जिसमें अब तक 231 शवों की पहचान हो चुकी है। इनमें 166 भारतीय, 36 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल हैं।इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी (Vijay Rupani) की भी मृत्यु हुई, जिनकी शव की पहचान डीएनए टेस्ट से की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून को दुर्घटना स्थल का दौरा (Site Visit) किया और एकमात्र जीवित बचे रमेश से अस्पताल में मुलाकात की। टाटा समूह, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की सहायता (Compensation) और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने की घोषणा की।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा जांच (Safety Checks) का आदेश दिया है। जांच में अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें भी सहयोग (International Cooperation) कर रही हैं। हादसे के कारणों की गहन जांच (Investigation) जारी है, जिसमें ब्लैक बॉक्स (Black Box) का डेटा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।यह हादसा भारत में 1996 के चरखी दादरी हवाई टक्कर के बाद सबसे घातक विमान दुर्घटना (Deadliest Aviation Disaster) है।

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