MP: डिंडौरी में मां और दो बच्चों के शव फंदे पर लटके मिले

dindori news -

Dindori News: पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घर को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी। एएसआई सुनील पटेल ने बताया कि एफएसएल टीम और डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाया गया है। एसपी वाहिनी सिंह और एसडीओपी मुकेश अविंदा ने घटनास्थल का दौरा किया।

Dindori Mother Child Death: डिंडौरी के मेहदवानी थाना क्षेत्र के कुम्हारिन टोला में शुक्रवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। एक घर में मां और उसके दो बच्चों के शव फंदे पर लटके मिले। मृतकों की पहचान मधु प्रजापति (35), उनकी बेटी शिवानी (12) और बेटे आदित्य (10) के रूप में हुई। बच्चों के हाथ-पैर बंधे थे। घटना की जानकारी तब हुई, जब मृतका का पति राजेंद्र प्रजापति रात करीब 8 बजे काम से घर लौटा।

राजेंद्र, जो गांव में फुल्की चाट का ठेला लगाता है, ने बताया कि घर पहुंचने पर टीवी चल रहा था और सब कुछ सामान्य लग रहा था। कमरे में प्रवेश करने पर उसने अपनी पत्नी और बच्चों को फंदे पर लटके देखा। उसने तुरंत उन्हें नीचे उतारा, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। पड़ोसियों की मदद से पुलिस को सूचना दी गई, जो करीब 9 बजे थाने पहुंची।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घर को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी। एएसआई सुनील पटेल ने बताया कि एफएसएल टीम और डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाया गया है। एसपी वाहिनी सिंह और एसडीओपी मुकेश अविंदा ने घटनास्थल का दौरा किया। पुलिस ने कुछ परिजनों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है, जहां एसपी उनसे जानकारी ले रही हैं।

पुलिस का प्रारंभिक अनुमान

पुलिस के अनुसार, मधु प्रजापति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। शुक्रवार शाम 6 बजे तक उसे अपनी समोसा-मंगौड़े की दुकान पर देखा गया था। इसके बाद वह घर चली गई। राजेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी कुछ समय से नींद न आने और शारीरिक दर्द की शिकायत कर रही थी। उसका कई बार इलाज भी करवाया गया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। राजेंद्र ने यह भी कहा कि वह कभी-कभी पत्नी से परेशान होकर उसे डांट देता था।

पति का बयान

राजेंद्र ने बताया, “शुक्रवार सुबह मैं काम पर चला गया। पत्नी ने दुकान पर आकर समोसे का मसाला तैयार किया था। दोपहर ढाई बजे मैं घर आया, तो बच्चों को गेट पर देखकर वापस दुकान चला गया। रात को लौटा, तो दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। पड़ोसियों को बुलाया और दरवाजा तोड़कर अंदर गया। तीनों फंदे पर लटके थे, बच्चों के हाथ-पैर बंधे थे। मैंने उन्हें उतारा, लेकिन कोई नहीं बचा।” पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *