रीवा में ‘प्रेशर हॉर्न’ का आतंक: पुराने बस स्टैंड के रहवासी और व्यापारी एक साल से त्रस्त, प्रशासन मौन

pressure horn

Terror of ‘pressure horn’ in Rewa: शहर का पुराना बस स्टैंड क्षेत्र आस-पास के रहवासियों और व्यापारियों के लिए सिरदर्द बन चुका है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रेशर हॉर्न पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, यहाँ बस ऑपरेटर और वाहन चालक दिन-रात खुलेआम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण चरम पर है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि सुबह 4 बजे से लेकर देर रात तक बसों से निकलने वाली तेज प्रेशर हॉर्न की आवाज ने उनका जीना मुहाल कर दिया है। लगातार शोर के कारण बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की नींद और स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

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एक साल से शिकायत, कार्रवाई शून्य

प्रेशर हॉर्न के इस आतंक से मुक्ति पाने के लिए बस स्टैंड व्यापारी संघ और गोलपार्क कृषि व्यापारी संघ ने कई बार यातायात थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस और स्थायी कार्रवाई नहीं की गई है। व्यापारियों ने बताया कि एक साल पहले जब कार्रवाई की गई थी, तो केवल हॉर्न का आगे का हिस्सा खोलकर जप्ती बनाई गई थी, जबकि मुख्य प्रेशर हॉर्न को हटाया ही नहीं गया। इस दिखावटी कार्रवाई के कारण स्थिति में कोई सुधार नहीं आया और समस्या जस की तस बनी हुई है।

रहवासियों की मांग

त्रस्त व्यापारी संघ ने अब प्रशासन से मांग की है कि, बस स्टैंड चौकी प्रभारी को परिसर में नियमित निगरानी के निर्देश दिए जाएं। प्रेशर हॉर्न बजाने वाले चालकों और वाहनों पर सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जाए। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द ही इस गंभीर समस्या पर ध्यान देगा और शहरवासियों को जानलेवा ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति दिलाएगा।

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