Taliban Minister Press Conference Women Journalist: अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) के भारत दौरे के दौरान दिल्ली के अफगान दूतावास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस (Amir Khan Muttaqi Invites Women Journalist In Press Conference) ने महिलाओं के अधिकारों पर वैश्विक बहस छेड़ दी। दौरे के दूसरे दिन रविवार को हुई दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुत्तकी ने महिला पत्रकारों को विशेष रूप से बुलाया और उन्हें पहली पंक्ति में स्थान दिया, जो शुक्रवार की पहली कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को न बुलाने के विवाद का सीधा जवाब था।
मुत्तकी ने सफाई देते हुए कहा, “पिछली बार पत्रकारों की छोटी लिस्ट तैयार की गई थी, क्योंकि समय कम था। इसके अलावा कोई दूसरा इरादा नहीं था।” यह विवाद तालिबान शासन (Taliban Regime Policies) के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों को उजागर करता है, जहां शिक्षा और सार्वजनिक भागीदारी सीमित है। लेकिन मुत्तकी ने महिलाओं की शिक्षा पर विस्तार से बात की, कहा कि देश में 1 करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनमें 28 लाख लड़कियां शामिल हैं।
विवाद की शुरुआत: शुक्रवार की PC में महिला पत्रकारों को न बुलाना
मुत्तकी का 6 दिनों का भारत दौरा 6 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ, जो मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन (Moscow Format Consultation) के बाद महत्वपूर्ण था। शुक्रवार को अफगान दूतावास में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई, जिसमें मुंबई के अफगान कांसुल जनरल ने करीब 20 पुरुष पत्रकारों को आमंत्रित किया। तालिबान अधिकारियों ने ही लिस्ट तैयार की, और महिला पत्रकारों को गेट पर रोका गया। कई महिला पत्रकारों ने X पर शेयर किया कि उन्हें प्रवेश न मिलने से निराशा हुई। यह घटना तालिबान के महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों (Taliban Women Restrictions) –जैसे स्कूल जाना, चेहरा दिखाना, खेलों में भाग लेना – का प्रतीक बनी। अफगान मीडिया AMU न्यूज ने इसे “तकनीकी गलती” बताया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई।
मुत्तकी की सफाई: “कोई दूसरा इरादा नहीं था”
रविवार की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुत्तकी ने विवाद को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ तकनीकी कारणों से हुआ था। पिछली बार पत्रकारों की छोटी लिस्ट तैयार की गई थी, क्योंकि समय कम था। इसके अलावा कोई दूसरा इरादा नहीं था।” कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को पहली पंक्ति में बिठाया गया, और उनकी तस्वीरें X पर शेयर की गईं। मुत्तकी ने महिलाओं की शिक्षा पर विस्तार से बात की, “अफगानिस्तान में कुल 1 करोड़ विद्यार्थी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। धार्मिक मदरसों में शिक्षा ग्रेजुएशन स्तर तक है। महिलाओं की शिक्षा को धार्मिक रूप से हराम घोषित नहीं किया गया है, बल्कि इसे अभी दूसरी व्यवस्था तक स्थगित किया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि हम शिक्षा के खिलाफ हैं।”
मुत्तकी ने 2021 में अफगानिस्तान में मारे गए भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui Death) की मौत पर दुख जताया, “पिछले चार साल में अफगानिस्तान में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ। हमें हर मौत का दुख है।” उन्होंने अफगानिस्तान की आजादी पर जोर दिया, “40 साल तक सोवियत, अमेरिका और नाटो ने कब्जा किया, लेकिन अब देश आजाद है और सब कुछ ठीक है।”
भारत-अफगान संबंधों पर चर्चा: काबुल में एम्बेसी अपग्रेड
कॉन्फ्रेंस में मुत्तकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar Bilateral Talks) से हुई बैठक का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत ने काबुल में अपने मिशन को दूतावास स्तर पर अपग्रेड करने की घोषणा की, और काबुल के डिप्लोमैट्स जल्द नई दिल्ली आएंगे। दिल्ली-काबुल उड़ानों की संख्या बढ़ाने, व्यापार और अर्थव्यवस्था पर समझौते, तथा चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port Cooperation) पर चर्चा हुई। मुत्तकी ने भारत को खनिज, कृषि और खेल क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। पाकिस्तान से संबंधित सवालों पर उर्दू में जवाब देते हुए कहा, “पाकिस्तान की जनता से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन कुछ लोग परेशानी पैदा करते हैं। हमसे बात करें, हम शांति चाहते हैं, वरना हमारे पास और रास्ते भी हैं।” उन्होंने TTP जैसे आतंकी ग्रुप्स रोकने की चेतावनी दी।