तालिबान ने महिलाओं पर लगाईं नई पाबंदियां

तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबातुल्लाह अखुंजादा  ने वर्ष 2022 में एक फरमान जारी किया था। अब इसे कानूनी रूप दे दिया गया है। आपको बता दे कि ये कानून इस्लामिक शरीयत के अनुसार हैं। और इन्हें नैतिकता मंत्रालय के द्वारा लागू किया जाएगा।

आपको बता दे कि इस कानून के तहत कार में संगीत बजाने पर रोक लगा दी गई है। बगैर पुरुष कोई भी महिला यात्रा नहीं कर सकती। मीडिया को शरीयत का पालन करने को कहा गया है। कोई भी जीवित प्राणी की तस्वीर नहीं छाप सकता।

गौरतलब है कि जब से तालिबान की सत्ता में वापसी हुई है तब से अफगानिस्तान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का खुले आम हनन हो रहा है। महिलाओं पर पहले से कई सख्त प्रतिबंध लगे हुए है। वहां छठी के आगे महिलाओं की पढ़ाई पर बैन है। महिलाएं सार्वजनिक पार्क में नहीं जा सकती है। कई मानवाधिकार संगठन लगातार ये कहते आ रहे है कि वहां महिलाओं का लगातार हनन हो रहा है। वहां उनका सार्वजनिक जीवन नर्क बन चुका है।

तालीबान इन नियमों को लेकर काफी सख्त है। नियमों के उल्लंघन पर वहां हजारों लोगों पर कार्यवाही हो चुकी है। हाल में नैतिकता मंत्रालय ने बताया कि उसने पिछले साल 13000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।

नए कानूनों का प्रभाव

आपको बता दे कि नए कानूनों के प्रभाव में महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी शामिल है। नवाज और रोजे छोड़ने पर पुरुषों पर सख्त कार्यवाही हो सकती है।

2021 में तालिबान के सत्ता में वापसी के बाद उसने अफगानिस्तान का पुराना संविधान रद्द कर दिया था। उसने कहा था वह देश में इस्लामिक कानून के हिसाब से शासन करेंगा। तमाम अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी तालिबान अपनी नीतियों में बिल्कुल नरमी नहीं दिखा रहा है। ऐसे में कई जानकार मानवाधिकार और महिला अधिकार सुनिश्चित करने के लिए तालिबान के साथ कूटनीतिक संवाद शुरू करने की जरूरत पर जोर देते हैं.

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