बघेलखंड की लुप्त होती बोली सुबह कलेवा, दोपहर जेउनार और रात मा बिआरी, अब लंच-ब्रेकफास्ट और डिनर बन रहा रट्टू

बघेलखंड की भाषा। भारत देश विविध भाषा और बोलियों से परिपूर्ण है। अपने-अपने क्षेत्रों की बोली में खानपान से लेकर सभी तरह की गतिविधियों में ऐसी भाषा का उपयोग किया... Read More

Bagheli Language | बघेली बोली भर नही एक जीवन शैली भी है ~ पद्मश्री बाबूलाल दाहिया

Bagheli Language | मध्यप्रदेश में बुन्देली बघेली मालबी निमाड़ी आदि चार बोलियां है। पर उन सबकी भौगोलिक स्थितियों के अनुसार जीवन सहेलियां भी हैं। अपनी बघेली को ही देखा जाय... Read More