सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर से दिल्ली में सनातन धर्म के खिलाफ में अप्पतिजनक बयान दिया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि “हिन्दू एक धोखा है. ये कोई धर्म नहीं, बस जीवन जीने की एक कला है. पीएम मोदी, नितिन गडकरी और RSS प्रमुख ने भी इस बात को कहा है कि हिन्दू धर्म कोई धर्म नहीं है. जब ये लोग ऐसी बात करते हैं तो लोगों की भावनाएं आहात नहीं होती है लेकिन अगर यही बात स्वामी प्रसाद मौर्या बोल दे तो ये लोग कहते है की स्वामी प्रसाद मौर्या अशांति फैला रहे हैं”. हालाँकि मौर्या के इस बयान से सपा ने किनारा कर लिया है. सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा उनके बयान का समर्थन नहीं करती। भाजपा ने भी स्वामी प्रसाद के मौर्य के इस बयान को लेकर हमला बोला है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि उनकी बुद्धि भगवन ने हर लीया है.
अखिलेश की नहीं माने स्वामी ने
लखनऊ में 23 दिसंबर को सपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित महाब्राह्मण महायपंचायत हुई थी. इस महापंचायत में वक्ताओं ने मौर्या की हिन्दू व ब्राह्मण को लेकर आपत्तिजनक टिपण्णी को मुद्दा उठाया था. इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश ने यह माना कि उनके (Swami Prasad Maurya) बयान गलत हैं. उन्होंने कहा, “किसी धर्म या जाती वर्ग को लेकर बयान देना गलत है. हम सभी धर्म और जाती के लोगों का सम्मान करते हैं”. अभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस बयान के 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि मौर्य ने फिर से विवादित बयान दे दिया।
डिंपल यादव बोली जाती धर्मं पर टिपण्णी गलत
कन्नौज से सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने कहा कि, यह उनका व्यक्तिगत बयान है। उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष कभी भी ऐसे जाती और धर्म विशेष को लेकर जो बयान दिए जाते हैं उसका समर्थन नहीं करते हैं. वहीं,सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान को अधर्मी बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- भागवत वेद-पुराणों में ऋषि मुनियों ने लिखा है, सनातन धर्म से धरती पर अधर्मी पैदा होते रहे हैं, और स्वामी प्रसाद भी उसी श्रेणी में से हैं। रावण और कंस जैसे अधर्मी उसकी मिसाल रहे हैं।
जाको प्रभु दारुण दुःख दीना,ताकि मति पहले हर लीना- केशव प्रसाद मौर्या
केशव प्रसाद मौर्य अयोध्या के दौरे पर थे जहाँ मीडिया ने उनसे स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) के बयान पर सवाल किया तो उन्होंलने कहा कि, ” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश न करें। जो भी लोग उनके पार्टी के उल्टा सीधा बयान देते हैं, वे सारे बयान अखिलेश यादव के ही लिखे हुए होते हैं। अगर अखिलेश यादव को ऐसा लगता है कि जनता उनकी बातों को नहीं समझ रही है, तो ये 2024 के लोकसभा चुनाव का इंतजार कर लें। इसी चुनाव में उनकी पार्टी और घमंडिया गठबंधन दोनों को समझ आजायेगा की जनता क्या समझती है क्या नहीं। उन्होंने कहा,”जाको प्रभु दारुण दुख दीना, ताकि मति पहले हर लीना। उन्होंने एक श्लोक के माध्यम से कहा कि उनकी बुद्धि को भगवान ने हर लिया है। उनको समझ में ये नहीं आ रहा है कि , क्या बोलना चाहिए, क्या नहीं। ऐसी चीजें बोलकर न कोई सनातन धर्म को कमजोर कर सकता है और न ही मिटा सकता है।
मायावती ने क्या कहा
swami Prasad Maurya ने 30 जुलाई को बद्रीनाथ सहित कई अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ये सारे मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाया गया है. उनके इस बयान के बाद बसपा की सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या पर निशाना साधा। मायावती ने कहा,”मौर्य लंबे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे, तब उन्होंने इस बारे में पार्टी या सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? अब चुनाव का समय आगया है तो वो ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना चाह रहे हैं. ये उनकी और सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो और क्या है। उन्होंने ये भी आगे कहा कि बौद्ध और मुस्लिम समाज अब इनके किसी भी बहकावे में नहीं आने वाले हैं।”