Suraiya Death Anniversary| मलिका ए हुस्न, तरन्नुम और अदाकारी!

Suraiya Death Anniversary

Suraiya Death Anniversary: रौशन जमाल उसका सारे ज़माने पे छा गया वो जब जलवा अफ़रोज़ हुई ,हर दिल मचल गया ,कहने लगा , खुदा से कैसे तूने अपनी नेमतों का खज़ाना , किसी एक को दे दिया ,मल्लिका ए हुस्न है वो , मलिका ए तरन्नुम वो है ,मलिका ए अदाकारी भी तूने उसको बना दिया ,जी हां हम बात कर रहे हैं सुरैया की जिन्होंने 1936 से 1963 तक के अपने करियर में 67 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और 338 गाने गाए । भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे बेहतरीन और महानतम अभिनेत्रियों में गिनी जाने वाली सुरैया 1940 के दशक के मध्य से लेकर 1950 के दशक के प्रारंभ तक सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री रहीं.

एक बेहतरीन अभिनेत्री होने के अलावा, सुरैया एक प्रसिद्ध पार्श्व गायिका भी थीं, जो ज्यादातर अपने लिए ही गाती थीं। उन्होंने अपना पहला गाना 1942 में नई दुनिया के लिए गाया था, जब वह केवल 12 साल की थीं। [5] सुरैया ने बाल कलाकार के रूप में अपनी पहली उपस्थिति जद्दन बाई द्वारा निर्देशित1936 की फिल्म मैडम फैशन से की। बतौर अभिनेत्री उन्होंने अभिनय करियर की शुरुआत 1941 में ताज महल से की, जिसमें उन्होंने मुमताज महल की भूमिका निभाई।

अब ये भूमिका उन्हें कैसे मिली इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे ,सुरैया ने इशारा (), तदबीर ( फूल ( अनमोल घड़ी), उमर खैय्याम (, परवाना ( जैसी फिल्मों से खुद को हिंदी सिनेमा में अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक के रूप में स्थापित किया।

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