Supreme Court Verdict On Rakesh Kishore: सुप्रीम कोर्ट ने CJI बीआर गवई (CJI BR Gavai) पर जूता फेंकने वाले (CJI Shoe Attack) वकील राकेश किशोर (Advocate Rakesh Kishore) के खिलाफ खिलाफ अवमानना की कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 27अक्टूबर को कहा कि खुद CJI गवई ने आरोपी वकील राकेश किशोर पर कार्रवाई से इनकार कर दिया है, इसलिए मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
कार्रवाई राकेश किशोर पर नहीं होगी लेकिन कोर्ट में जजों के खिलाफ ऐसी हिंसक घटना भविष्य में न हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट एक गाइडलाइन जरूर बनाएगा। इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) को देशभर की कोर्ट्स में हुई ऐसी घटनाओं का जानकारी जुटाने को कहा गया है। ऐसी घटना के सोशल मीडिया में महिमामंडन के खिलाफ भी गाइड लाइन लाने पर विचार किया जाएगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची (Justice Surya Kant and Justice Joymalya Bagchi) की बेंच ने कहा कि कोर्ट में नारेबाजी करना या जूता फेंकना स्पष्ट रूप से कोर्ट की अवमानना है, लेकिन कानून के अनुसार यह निर्णय संबंधित जज पर निर्भर करता है कि वह कार्रवाई करना चाहते हैं या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें वकील राकेश किशोर (71) के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही (Contempt proceedings against Rakesh Kishore) की मांग की गई थी। राकेश किशोर ने 6 अक्टूबर को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान CJI की ओर जूता फेंका था।
वकील का लाइसेंस रद्द, BCI ने निलंबित किया
वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया है। उसका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया। बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया।
उन्होंने कहा कि यह वकीलों के आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 15 दिनों में शो कॉज नोटिस भी जारी किया जाएगा।

 
		 
		 
		