HIGH COURT, GOVERNMENT को शीर्ष कोर्ट की SUPREME फटकार, CONTEMPT OF COURT की भी दी चेतावनी!

SUPREME COURT नवजात की तस्करी के एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें यूपी के एक दंपती ने तस्करी किए गए बच्चे को 4 लाख रुपये में खरीदा था

सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) ने मंगलवार को नवजात की तस्करी के एक मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाई और राज्यों के लिए कुछ अहम नियम जारी किए। कोर्ट ने कहा- अगर किसी अस्पताल से नवजात की तस्करी होती है तो उसका लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए। अगर प्रसव के बाद बच्चा गायब होता है तो अस्पताल को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

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मामले की हर दिन सुनवाई के आदेश

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा- देशभर के सभी हाईकोर्ट (HIGH COURT) अपने राज्यों में बाल तस्करी से जुड़े लंबित मामलों की स्टेटस रिपोर्ट तलब करें। सभी की सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी करें। मामले की हर दिन सुनवाई होनी चाहिए।

तस्करी के मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) नवजात की तस्करी के एक मामले की सुनवाई कर रहा था। जिसमें उत्तर प्रदेश के एक दंपती ने तस्करी किए गए बच्चे को 4 लाख रुपये में खरीदा था। क्योंकि दंपति को बेटा चाहिए था। इस पूरे मसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत दी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के द्वारा रद्द कर दिया गया।

वो मामला जो SUPREME COURT तक पहुंचा

8 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने नवजात शिशुओं की तस्करी करने वाले गिरोह से दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में निःसंतान अमीर परिवारों को बच्चे सप्लाई करता था। वे राजस्थान और गुजरात से नवजात शिशुओं को लाकर 5-10 लाख रुपये में बेचते थे। इनके पास से एक नवजात शिशु भी बरामद हुआ है। गिरोह अब तक 30 से ज़्यादा बच्चे अमीर परिवारों को बेच चुका है।

SUPREME COURT ने सभी को लगाई फटकार

हाईकोर्ट को फटकार: ऐसे आरोपी समाज के लिए खतरा हैं। जमानत देते समय कम से कम इतना तो ध्यान दिया जा सकता था कि आरोपी को हर हफ्ते थाने में हाजिरी लगवाई जाती। अब पुलिस खुद आरोपियों का पता नहीं लगा पा रही है।

सरकार को फटकार: हम राज्य सरकार से बेहद निराश हैं। अपील क्यों नहीं की गई? गंभीरता नहीं दिखाई गई।

लापरवाही को अवमानना ​​माना जाएगा: किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे कोर्ट की अवमानना ​​माना जाएगा।

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