बड़े खतरे में है भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स , स्पेस क्राफ्ट में आयी खराबी ;

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष में फंस गए है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर में खराबी आई गई है। इसकी वजह से अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर वापस नहीं लौट पाए हैं। अंतरिक्ष यात्रियों का यह मिशन सिर्फ आठ दिनों का ही था। अंतरिक्ष यान ने पांच जून को उन्हें लेकर उड़ाने भरा था। बोइंग स्टारलाइनर ने यह पहली उड़ाने भरी थी। हीलियम लीक और थ्रस्टर में खराबी होने की वजह से उनकी वापसी को टाल दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सुनीता विलियम्स अभी हैं, लेकिन वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। जैंसे जैसे समय बीत रहा है ,लोगों की दिलो की धड़कन और बढ़ती जा रही है. लोग अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी की दुआएँ कर रहें हैं।

सुनीता विलियम्स को लेकर गए बोइंग के स्टारलाइनर में भी लॉन्च के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिससे चलते स्पेसशिप को अंतरिक्ष में डॉक करना पड़ा है। बोइंग ने बताया है कि लॉन्च उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यान में हीलियम लीक और थ्रस्टर विफलताओं समेत कई समस्याओं का पता लगा है। इन समस्याओं को इंजीनियर ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें अभी समय लग सकता ह.

लोगों को याद आया कल्पना का हादसा

कल्पना चावला ने एसटीएस-107 कोलंबिया स्पेस शटल के जरिए 6 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ 16 जनवरी 2003 को उड़ान भरी थी। 1 फरवरी को वापसी के समय धरती के वातावरण में प्रवेश करते समय स्पेस शटल हादसे का शिकार हो गया। इसमें कल्पना चावला समेत सभी 7 एस्ट्रोनॉट मारे गए थे। ख़ास बात यह है कि कल्पना चावला भी भारतीय मूल की थी. अब एक और भारतीय मूल की बेटी की सुरक्षित वापसी का पूरा देश इंतजार कर रहा है.

NASA के पास विकल्प

स्पेस एजेंसी नासा के पास कुछ विकल्प हैं जिन पर वह लगातार कार्य कर रहा है. नासा SpaceX के ड्रैगन-2 कैप्सूल को अंतरिक्ष में भेज सकता है. इस कैप्सूल में चार यात्री बैठ सकते हैं. यानी दो इंजीनियर इस पर बैठ कर जाए और समय रहते समस्या का समाधान कर लें. इससे सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी हो सकती है.

अमेरिका रूस और चीन से भी मदद ले सकता है. लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से इसकी गुंजाइश काफीकम हो जाती है कि रुस अमेरिका की सहायता करेंगा।

NASA ने जारी किया विडिओ

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