Uttar Pradesh by Election : उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने तेज प्रताप सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने सोमवार को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। अखिलेश तेज प्रताप के चाचा हैं। नामांकन के दौरान उनके साथ पूरा सैफई परिवार मौजूद रहा।
अखिलेश यादव थे करहल विधानसभा से विधायक। Uttar Pradesh by Election
उत्तर प्रदेश की 10 में से 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं, जिसमें मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट भी शामिल है। सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव पहले भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। और करहल विधानसभा से विधायक अखिलेश यादव के कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद करहल सीट खाली हुई थी। यह सीट 1993 से सपा का गढ़ रही है। तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के रिश्तेदार भी हैं।
लालू यादव के दामाद और अखिलेश यादव के भतीजे हैं तेज प्रताप।
आपको बता दें तेज प्रताप सिंह यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के नाती हैं। वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई रणवीर सिंह के बेटे हैं, तेज प्रताप के पिता का निधन महज 36 साल की उम्र में हो गया था। रणवीर सिंह ने मशहूर सैफई महोत्सव की नींव रखी थी। वह ब्लॉक प्रमुख के पद पर कार्यरत थे। डिंपल यादव तेज प्रताप सिंह की चाची हैं । डिंपल यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं। इससे पहले वह 2014 से 2019 तक 16वीं लोकसभा की सदस्य रह चुकी हैं।
लालू यादव हैं ससुर, तेजस्वी हैं साले। Uttar Pradesh by Election
राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तेज प्रताप सिंह के ससुर हैं। उन्होंने साल 2015 में लालू यादव की सबसे छोटी बेटी राज लक्ष्मी यादव से शादी की थी। यह शादी सैफई में हुई थी, जिसकी चर्चा आज तक होती है। इस शादी में बॉलीवुड के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव उनके साले हैं। दंपत्ति को वर्ष 2016 में एक बच्चा हुआ था।
करहल विधानसभा सीट पर सपा का दबदबा Uttar Pradesh by Election
करहल सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यहां वर्ष 1957 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। वर्ष 1993 से सपा करहल सीट पर काबिज है। हालांकि, वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के सोबरन सिंह यादव के पास चली गई थी, लेकिन बाद में वह सपा में शामिल हो गए। वहीं, वर्ष 2022 के आखिरी चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां से जीत दर्ज की।