Azam Khan Release : सीतापुर से आज़म खान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कल यानी मंगलवार को आज़म खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होंगे। खबरों के मुताबिक, आज़म खान मंगलवार सुबह करीब 7 बजे जेल से रिहा होंगे। हालाँकि आज़म खान की रिहाई पहले आज ही होनी थी, लेकिन देरी के कारण रिहाई वारंट जारी नहीं हो पाया। जेल प्रशासन ने आज़म खान की रिहाई की तैयारियाँ पूरी कर ली हैं।
बसपा में शामिल होने की अटकलें तेज़ | Azam Khan Release
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के करीबी आज़म खान के मायावती की बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज़ हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने रविवार को एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर आज़म खान बसपा में शामिल होते हैं, तो उनका स्वागत है। इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी। मीडिया से बात करते हुए उमाशंकर सिंह ने कहा, “मुझे आज़म खान की पत्नी तंजीन फातिमा और बसपा नेताओं के बीच किसी मुलाकात की जानकारी नहीं है।” लेकिन अगर आजम खान बसपा में शामिल होते हैं, तो यह पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि सभी का स्वागत है।
आजम खान के वकील क्या कह रहे हैं? Azam Khan Release
उधर, हाईकोर्ट में आजम खान के वकील मोहम्मद खालिद के मुताबिक, फैसला आने के बाद जमानत प्रक्रिया पूरी होने और रिहाई वारंट जेल पहुँचने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। इसके बाद मोहम्मद खान जेल से रिहा हो जाएँगे। एडवोकेट मोहम्मद खालिद के मुताबिक, आजम खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 2020 में इसी मामले में जमानत मिल गई थी। उनके मुताबिक, आजम खान पर 80 से ज़्यादा मुकदमे दर्ज थे। अब उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई है, जिससे उनकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
इस मामले में आजम की पत्नी और बेटे का भी नाम था।
पुलिस ने चेयरमैन सैयद ज़फ़र अली जाफ़री, आजम खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को नामज़द किया था। हालांकि, आगे की जांच के बाद, पुलिस ने 2024 में सपा नेता मोहम्मद आजम खान को भी आरोपी बनाया। पुलिस ने इस मामले में जनवरी 2025 में आरोप पत्र दायर किया। आजम खान के वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि आवंटन आजम खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे, पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के नाम पर किए गए थे, लेकिन किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया था और आजम खान ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल नहीं किया था।