Rahul Vs Modi Debate: संयुक्त राष्ट्र अमेरिका पूरी दुनिया के लिए एक हेल्दी डेमोक्रेसी का रोल मॉडल है. वैसे भारत को मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी कहा जाता है लेकिन US इस मामले में थोड़ा बेहतर है. वहां चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद नेताओं की आईपीएल खिलाडियों की तरह बिडिंग नहीं होती है. खैर अमेरिका में जब चुनाव होते हैं तो पहले प्रमुख दो पार्टियां ‘डेमोक्रेटिक’ और ‘रिपब्लिकन’ अपना राष्ट्रपति कैंडिडेट चुनने के लिए इंटरनल इलेक्शन कंडक्ट करती हैं और जब दोनों पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट चुन लिए जाते हैं तो दोनों के बीच पूरे अमेरिका और पूरी दुनिया की मीडिया के सामने लाइव डिबेट होती है. एक-दूसरे के मुंह पर सीधे सवाल होते हैं और वहीँ मौके पर ही जवाब दिया जाता है. लेकिन भारत में ये कल्चर नहीं है. यहां प्रधान मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लें तो बहुत बड़ी बात मानी जाती है. मगर भारत में अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस लीडर राहुल गाँधी की लाइव डिबेट की डिमांड उठ रही है.
राहुल गांधी और पीएम मोदी की लाइव बहस
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने पीएम मोदी और राहुल गांधी को पत्र लिखते हुए दोनों को एक मंच पर खड़े होकर सीधी डिबेट में हिस्सा लेने का न्योता दिया है. इस खत में कहा गया है कि दोनों पार्टी के नेताओं की इस लाइव डिबेट से देश की राजनीति में नई मिसाल कायम होगी, देश दोनों पार्टियों के पक्ष को सीधे जान सकेगा और इससे देश का लोकतंत्र मजबूत होगा।
राहुल बोले मैं तैयार
राहुल गांधी ने पूर्व जजों के इस इन्विटेशन को आनन-फानन में स्वीकार भी कर लिया और चिट्ठी का रिप्लाई देते हुए ट्वीट किया– स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रमुख दलों का एक मंच से अपना विज़न देश के समक्ष रखना एक सकारात्मक पहल होगी। कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा का निमंत्रण स्वीकार करती है। देश, प्रधानमंत्री जी से भी इस संवाद में हिस्सा लेने की अपेक्षा करता है। लेकिन प्रधान मंत्री मोदी का इस पत्र को लेकर कोई जवाब नहीं आया. कांग्रेस के लोग सोशल मीडिया में कहने लगे कि पीएम मोदी, ऐसी डिबेट में राहुल गांधी का सामना ही नहीं कर सकते, इसी लिए वो इस डिबेट का हिस्सा बनने के लिए कतई राजी नहीं होंगे।
राहुल हैं कौन?
अब चिट्ठी लिखकर ऐसी डिमांड करने वाले पूर्व जजों, राजनितिक पार्टियों और आम जनता को पहले ये समझना चाहिए था कि ऐसी डिबेट तभी एक हेल्दी डिबेट हो सकती थी जब यह दो प्रधान मंत्री कैंडिडेट के बीच होती या दो राजनितिक दलों के अध्यक्षों के बीच होती या फिर पीएम कैंडिडेट और दूसरी पार्टी के अध्यक्ष के बीच होती। राहुल गांधी न तो प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार हैं, न ही कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वर्तमान में राहुल गांधी सिर्फ एक लोकसभा के सांसद हैं। पीएम मोदी से डिबेट करने के की इच्छा जाता रहे राहुल खुद को पीएम कैंडिडेट घोषित कर दें तो बात बन सकती है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो इंडि गठबंधन में बात बिगड़ जाएगी, क्योंकि इस गठबंधन में किसी को पता नहीं है कि चुनाव जीते तो पीएम कौन बनेगा और कितने समय के लिए बनेगा।
सुधांशु त्रिवेदी ने ट्रोल कर दिया
राहुल ने पीएम मोदी को इस डिबेट में शामिल होने के लिए कहा तो बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसका जवाब दिया। सुधांशु त्रिवेसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी को न सिर्फ जवाब दिया बल्कि उन्हें ट्रोल कर डाला। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- राहुल गांधी हैं कौन? न तो वे नेता प्रतिपक्ष हैं, न पार्टी के अध्यक्ष, न ही इंडि गठबंधन के चेयरमैन हैं। वो सिर्फ एक सांसद हैं और अपनी तुलना प्रधान मंत्री से कैसे कर सकते हैं? सुधांशु त्रिवेदी ने ये भी कहा कि- वैसे राहुल गांधी का किसी विषय पर बहस करने का स्तर कितना है ये देश जनता है. स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी पर कटाक्ष कसते हुए कहा कि जो अपने सो काल्ड गढ़ से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं वो पीएम मोदी से क्या डिबेट करेंगे? अब सोशल मीडिया में Who Is Rahul Gandhi ट्रेंड होने लगा है. बीजेपी के साथ यूजर्स भी पूछने लगे हैं कि राहुल गांधी है कौन? वैसे अगर पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच में डिबेट होती तो आपको क्या लगता है? कौन जीतता? हमें कमेंट कर जरूर बताएं