SMS Hospital Fire : राजस्थान के जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में लगी आग ने प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया है। जाँच में पाया गया कि रविवार की रात को अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। आग की लपटें और जहरीला धुआं पूरे वार्ड में फैल गया था। जिससे ICU में भर्ती 24 मरीज जान बचाने को भागने लगे, इनमें 11 ट्रॉमा ICU में थे। इस हादसे में दम घुटने से आठ मरीजों की मौत हुई है।
धुएँ में दम घुटने से 8 मरीजों की मौत
सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ICU में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद मरीजों में हड़कंप मच गया। अस्पताल में आग लगने के बाद नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय ने मरीजों को ट्रॉलियों पर रखकर बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन, कई मरीज बहुत गंभीर हालत में थे और बेहोशी की हालत में पड़े थे। आठ मरीजों को डॉक्टरों ने CPR देकर बचाने की कोशिश की, पर वे नहीं बच सके। जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया, उनका दर्द बोलना मुश्किल है।
अस्पताल में आग फैलने का कारण
अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के अधिकारी और डॉक्टर ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। उस समय ICU में 11 मरीज थे। पास के ICU में 13 मरीज थे। इसके अलावा, इस आग के मामले की जांच के लिए सरकार ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है। FSL की टीम मौके पर पहुंची और सबूत इकट्ठे किए।
- स्टोर रूम में लगे स्मॉक डिटेक्टर सही से काम नहीं कर रहे थे। इसलिए अलार्म सिस्टम तुरंत नहीं बजा।
- वार्ड को स्टोर रूम बना दिया था, और वहां कबाड़ था, जिससे आग लगी।
- फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं था, इसलिए आग जल्दी बढ़ गई। स्टाफ को फायर फाइटिंग का तरीका नहीं पता था।
अस्पताल में हादसे का जिम्मेदार कौन?
धुआं से बेहोश हो चुके मरीजों को निकालने के लिए परिजन भी लगे रहे। एक शख्स ने कहा कि उसका 25 साल का भांजा पिंटू बस दो दिन में अस्पताल से घर जाने वाला था, पर हादसे ने उसकी जान ले ली। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था। सिलेंडर, पानी या फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं था। जब धुआं बढ़ा तो डॉक्टर और स्टाफ भाग गए, जिससे हालात और बिगड़ गए। एक युवक ने कहा कि उसकी मां को बचाया जा सकता था, पर अस्पताल में आग बुझाने का सही इंतजाम नहीं था। परिजन गुस्सा थे और कह रहे थे कि इस लापरवाही ने उनके प्रियजनों की जान ले ली।
हादसे पर मुख्यमंत्री का बयान
घटना की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता सभी मरीजों का अच्छा इलाज करना है और ऐसी घटना फिर से न हो, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। परिजन सरकार से सवाल कर रहे हैं कि कब अस्पतालों की सुरक्षा मजबूत होगी ताकि किसी और को इतना बड़ा दुख न झेलना पड़े।