Shivraj and Mohan Bhagwat Meeting: बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं, और 28 सितंबर से पहले इसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच, अध्यक्ष पद की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान का नाम चर्चा में है। दो साल बाद शिवराज सिंह चौहान ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की, जो करीब 45 मिनट तक चली। इस मुलाकात को अध्यक्ष चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
Shivraj and Mohan Bhagwat Meeting: केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के बीच हाल ही में हुई मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मुलाकात को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के आगामी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान का नाम बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में प्रमुखता से उभर रहा है।
45 मिनट की अहम मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, रविवार शाम को दिल्ली के झंडेवालान स्थित आरएसएस के केशवकुंज कार्यालय में शिवराज सिंह चौहान और मोहन भागवत के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। यह मुलाकात लगभग दो साल बाद हुई, जिसने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। बैठक के बाद शिवराज सीधे दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए।
इससे पहले, शिवराज गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में उनके साथ गायत्री परिवार के डॉ. चिन्मय पंड्या और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। भारत मंडपम से वह सीधे आरएसएस कार्यालय पहुंचे, जहां मोहन भागवत के साथ उनकी बंद कमरे में चर्चा हुई। इसके बाद वह अपने निर्धारित कार्यक्रम के लिए भोपाल रवाना हो गए।
सितंबर 2025 में हो सकते हैं चुनाव
बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक बदलाव की सुगबुगाहट तेज है। पिछले एक साल से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में देरी हो रही है, जिसका एक प्रमुख कारण बीजेपी नेतृत्व और आरएसएस के बीच समन्वय की कमी को माना जा रहा है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की मोहन भागवत से मुलाकात ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अटकलों को और हवा दी है।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस सितंबर 2025 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को संपन्न कराने की कोशिश में हैं। संभावना है कि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद इस प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है, और 28 सितंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है।