About Sharmila Tagore Films In Hindi: हाल ही में शर्मिला टैगोर कान्स फिल्म समारोह में शामिल हुईं थीं, जहाँ सत्यजित रे की फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की स्क्रीनिंग थी। शर्मिला टैगोर ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत 13 वर्ष की उम्र में, सत्यजित रे की बंगाली फिल्म अपूर संसार से की थी। जबकि हिंदी सिनेमा में उनकी शुरुआत 1964 में आई शम्मी कपूर की फिल्म कश्मीर की कली से हुआ था।
रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से संबंध
8 दिसंबर 1944 को उनका जन्म बंगाल के एक सुप्रसिद्ध संभ्रांत टैगोर परिवार में हुआ था, वह रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से ताल्लुक रखती थीं। 1968 में उन्होंने मंसूर अली खान पटौदी से विवाह किया था। जिससे उनके तीन बच्चे सैफ अली खान, सोहा अली खान और सबा खान हैं।
वैसे तो शर्मिला टैगोरे ने बहुत सारी हिंदी और बंगाली फिल्मों में दमदार अभिनय अभिनय किया है। पर उनमें से कुछ बहुत ही प्रसिद्ध रहीं हैं। आइए जानते हैं शर्मिला टैगोर के बेहतरीन अभिनय से सजी बेहतरीन फिल्में।
- 1969 में शर्मिला टैगोर की राजेश खन्ना के साथ आराधना फिल्म रिलीज हुई इसमें उन्होंने वंदना वर्मा नाम की महिला का किरदार निभाया था। जो तब बहुत ही ज्यादा पसंद किया गया था। आराधना ने उस समय में 7 करोड़ का कारोबार किया था।
- 1970 में शर्मिला टैगोर की राजेश खन्ना के साथ ही फिल्म सफर रिलीज हुई थी। जो बहुत ही कामयाब थी। फिल्म में उनके द्वारा निभाए गए डॉ नीला कपूर के किरदार को दर्शकों और समीक्षकों द्वारा खासा पसंद किया गया था।
- 1971 में उनकी फिल्म रिलीज हुई अमर-प्रेम, जिसमें टाइटल रोल निभाया था राजेश खन्ना और विनोद मेहरा ने, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए पुष्पा का किरदार और इस फिल्म के गाने आज भी लोगों को बहुत पसंद आते हैं।
- 1975 में उनकी संजीव कुमार के अपोजिट और गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म मौसम रिलीज हुई थी। इसमें शर्मिला टैगोर ने चंदा और कजली नाम की माँ-बेटी का डबल रोल किया था। फिल्म में किए गए जबरजस्त अभिनय के बाद शर्मिला टैगोर को बेस्ट अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
- 2005 में शर्मिला टैगोर की अमिताभ बच्चन के अपोजिट एक फिल्म आई थी विरुद्ध, इस फिल्म में शर्मिला टैगोर ने सुमित्रा पटवर्धन का किरदार निभाया था, जिसने अपने बेटे को न्याय दिलवाने के लिए अपने पति के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी।
इसके अलावा भी शर्मिला टैगोर ने वक्त, अनुपमा, एन इवनिंग ऑफ द पेरिस, आ गले लग जा, दाग, चुपके-चुपके और नमकीन जैसी कई फिल्मों में जबरजस्त अभिनय किया था। उन्हें फिल्मों के लिए कई अवार्ड्स और नॉमिनेशन भी मिले हैं। 1998 में फिल्मफेयर ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और 2013 में भारत सरकार ने उन्हें दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पदमभूषण से सम्मानित किया।