इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की समाधि शक्ति स्थल (Shakti Sthal) पर रखी गई विशाल चट्टान (Shakti Sthal Rock Origin) का इतिहास और उसकी उत्पत्ति हमेशा से कौतूहल का विषय रही है। 31 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह चट्टान ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले (Sundergarh District) की खदानों से लाई गई थी, और इसका वजन 25 टन से अधिक है। क्या यह चट्टान सिर्फ एक स्मारक है, या इसके पीछे कोई गहरा अर्थ है?
शक्ति स्थल में स्थापित चट्टान का इतिहास
History of the rock installed in Shakti Sthal: शक्ति स्थल, जो इंदिरा गांधी की समाधि का स्थान है, पर रखी गई इस चट्टान को “आयरन लेडी ऑफ इंडिया” (Iron Lady of India) के खिताब के प्रतीक के रूप में रखा गया है। इस चट्टान को सुंदरगढ़ की खदानों से लाने का फैसला इसलिए किया गया, क्योंकि इसका आकार हथेली जैसा है, जो कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के चुनाव चिन्ह से मेल खाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस चट्टान को लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसे ट्रकों और क्रेनों की मदद से दिल्ली तक लाया गया, जहां इसे शक्ति स्थल पर स्थापित किया गया। इस प्रक्रिया में कई महीने लगे, और इसे सावधानीपूर्वक स्थापित किया गया ताकि इसका प्रतीकात्मक महत्व बरकरार रहे।
शक्ति स्थल के लिए क्यों चुनी गई सुंदरगढ़ की चट्टान?
सुंदरगढ़ की खदानों से इस चट्टान को चुनने का कारण इसका मजबूत और अनोखा आकार था। रिपोर्ट में बताया गया कि इस चट्टान को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह इंदिरा गांधी की मजबूती और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
