मउगंज से हटाई गई एसडीओपी अंकिता, आईजी ऑफिस अटैच, गड़रा गांव में 70 मिनट तक कमरें रही थी कैद

रीवा। एसडीओपी अंकिता सुल्या को मउगंज से हटा कर रीवा जोन कार्यालय के लिए तबादला कर दिया गया है। रीवा जोन के आईजी गौरव राजपूत ने उन्हे आगामी आदेश तक अस्थायी तौर से रीवा जोन कार्यालय में पदस्थ किए है। जारी पत्र में आईजी श्री राजपूत ने स्पष्ट किए है कि मउगंज एसपी तत्काल एसडीओपी की मउगंज से रवानगी तय करें। ज्ञात हो कि ये वही एसडीओपी अंकिता है जिन्होने मउगंज के गड़रा गांव में हुए बबाल के दौरान एक कमरे में खुद को बंद करके अपनी जान बचाई थी। वे तकरीबन 70 मिनट तक कमरे के अंदर दरवाजा बंद करके दहशत के बीच वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया था। जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल पहुचा और स्थित को नियंत्रित करके उन्हे घर से बाहर निकाला था।

3 लोगो की मौत से फिर बढ़ा मामला

गड़रा गांव में मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। आदिवासी परिवार एवं सनी द्विवेदी परिवार के बीच उपजे विवाद के बाद पहले अशोक कोल की मौत हुई और फिर सनी द्विवेदी की मौत, इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर रामचरण गौतम डूयुटी के दौरान शहीद हो गए और अब साकेत परिवार के 3 लोगो की मौत ने एक बार फिर प्रशासन और पब्लिक के बीच उलझन खड़ी कर दिया है। आरोप पर आरोप लग रहे है और इस बार पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजन आक्रोषित है।

लगातार बदले जा रहे अधिकारी

जानकारी के तहत एसडीओपी को हटाए जाने की मांग पब्लिक से लगातार आ रही थी। इसी बीच आईजी ने एसडीओपी अंकिता को मउगंज से हटा कर रीवा जोन कार्यालय में पदस्थ कर दिया गया है। बता दें कि गड़रा गांव की घटना के बाद रीवा-मउगंज में प्रशासनिक बदलाव लगतार जारी है। इसके पूर्व मउगंज के कलेक्टर और एसपी बदले गए और फिर डीआईजी साकेत प्रसाद पांडे का तबादला भोपाल किया गया और अब एसडीओपी का तबादला रीवा किया गया है।

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