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SC RESERVATION: आरक्षण को तीन भागों में बांटने वाला तेलंगाना पहला राज्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उठाया कदम!

आयोग ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुल 15 फीसदी आरक्षण के लिए एससी (SC RESERVATION) की 59 जातियों को तीन वर्गों में बांटने की सिफारिश की

तेलंगाना सरकार ने सोमवार को अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण (SC RESERVATION) में बदलाव का आदेश जारी किया। इस आदेश में एससी समुदाय को तीन भागों में बांटा गया है। ऐसा करने वाला तेलंगाना देश का पहला राज्य बन गया है। जल संसाधन मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस आदेश की जानकारी दी। उन्होंने कहा- ‘तेलंगाना सरकार ने अक्टूबर 2024 में सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था।’

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तेलंगाना राज्यपाल ने 8 अप्रैल को मंजूरी दी

इस आयोग ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुल 15 फीसदी आरक्षण के लिए एससी समुदाय (SC RESERVATION) की 59 जातियों को तीन वर्गों (कक्षा 1, कक्षा 2 और कक्षा 3) में बांटने की सिफारिश की थी। इस कानून को लागू करने से पहले रविवार को सचिवालय में आखिरी कैबिनेट बैठक हुई थी। इस सिफारिश को तेलंगाना के राज्यपाल ने 8 अप्रैल को मंजूरी दी थी। जिसके बाद 14 अप्रैल को इसे लागू कर दिया गया है। एससी वर्ग को पहले की तरह 15 फीसदी आरक्षण ही मिलेगा, लेकिन अब इसे अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया है।

SC RESERVATION का समझिए गणित

उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा- ‘यदि 2026 की जनगणना में एससी की आबादी बढ़ती है, तो आरक्षण भी बढ़ाया जाएगा।’ सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त, 2024 को राज्यों को इस तरह के वर्गीकरण की मंजूरी दी थी। न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की अध्यक्षता वाले आयोग ने विभिन्न एससी उपजातियों (SC RESERVATION) की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक स्थिति का अध्ययन किया। आयोग ने सर्वेक्षण के दौरान लोगों से सुझाव भी मांगे। 8600 से अधिक लोगों से सुझाव और अभिव्यक्ति प्राप्त हुई। समुदाय को जनसंख्या वितरण, साक्षरता दर, उच्च शिक्षा में भागीदारी, रोजगार, सरकारी योजनाओं से लाभ और राजनीतिक भागीदारी जैसे कई बिंदुओं पर मापा गया।

आयोग ने SC RESERVATION को लेकर क्या कहा

आयोग ने सभी समुदायों (SC RESERVATION) की बात सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट दी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को एससी-एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण को मंजूरी दी थी। सात जजों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ‘राज्यों को आंकड़ों के आधार पर एससी-एसटी के तहत आरक्षण को वर्गीकृत करने का अधिकार है। अगर किसी राज्य में अनुसूचित जातियों के लिए 15% आरक्षण है, तो वह इस 15 प्रतिशत आरक्षण को विभिन्न एससी समुदायों में उनके पिछड़ेपन के आधार पर बांट सकता है।’

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