Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे नेताओं की भागम भाग में थमने का नाम नहीं ले रही है। वर्षों तक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे पूर्व महापौर राजा राम त्रिपाठी (Satna Congress Leader Raja Ram Tripathi Joining BJP) ने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया है। उन्होंने मंगलवार को मैहर में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भाजपा की सदस्यता ली।
Satna News: सतना नगर निगम के पूर्व महापौर राजा राम त्रिपाठी मंगलवार 9 अप्रैल को भाजपा में शामिल हो गए। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शारदा के दर्शन कर चुनावी जनसभा को संबोधित करने मैहर आए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई। पूर्व महापौर त्रिपाठी वर्षों तक सतना जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष रहे हैं।कांग्रेस के टिकट पर वे नागौद और सतना विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा के शंकर लाल तिवारी ने सतना विधानसभा के चुनावी मुकाबले में हराया था।जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उन्हें भाजपा के गणेश सिंह के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के गणेश सिंह ने उन्हें 2 लाख 31 हजार वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था।
इस चुनाव के दौरान ही कांग्रेस के विधायक और सतना लोकसभा से कांग्रेस के मौजूदा प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने एक वीडियो जारी कर खुद को सतना लोकसभा के चुनाव से अलग कर लिया था। हालांकि उन्होंने कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव में OBC वर्ग के लोगों को टिकट न दिए जाने पर अपनी नाराजगी दिखाई तो जरूर थी। हालांकि, उसका संदेश कुछ और ही था।
अब जब सिद्धार्थ खुद कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी हैं तो राजा राम ने कांग्रेस ही छोड़ दी है। इसका असर चुनाव में ब्राह्मण समाज के वोटों पर भी दिख सकता है।
जिलाध्यक्ष रहते की थी बगावत
इसके पहले 2009 में वे कांग्रेस से बगावत कर समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव के मैदान में कूदे थे। तब कांग्रेस में सुधीर सिंह तोमर को टिकट दिया था। जबकि गणेश सिंह भाजपा से और सुख लाल कुशवाहा बसपा से प्रत्याशी थे। उस चुनाव में राजाराम के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस महज 90 हजार वोटों तक ही पहुंच सकी थी।