Samsung to Boost Production in India for US Market: दक्षिण कोरियाई दिग्गज कंपनी सैमसंग भारत में अपने स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रही है, ताकि अमेरिकी बाजार की मांग को पूरा किया जा सके। यह कदम ऐपल की रणनीति का अनुसरण करता है, जो पहले ही भारत को अपने iPhone उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बना चुकी है। सैमसंग का यह फैसला अमेरिका में संभावित टैरिफ और व्यापार नीति अनिश्चितताओं के जवाब में आया है, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के मद्देनजर.
नोएडा में विस्तार की योजना
सैमसंग ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित अपने मौजूदा प्लांट के विस्तार की शुरुआत कर दी है। कंपनी ने अपनी डिस्प्ले यूनिट के लिए 3,300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन किया है। यह प्लांट सैमसंग की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से अमेरिकी बाजार के लिए स्मार्टफोन उत्पादन में (Display Unit, Investment). सैमसंग के ग्लोबल प्रेसिडेंट और COO वू-जून चोई ने कहा, “अमेरिका में अनिश्चितता के कारण हमने भारत सहित कई देशों में उत्पादन के लिए विविधीकरण की रणनीति तैयार की है।
टैरिफ से बचाव की रणनीति
अमेरिका द्वारा चीन से आयात पर संभावित 25% टैरिफ की आशंका ने सैमसंग को अपनी उत्पादन रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है। कंपनी वियतनाम से कुछ उत्पादन को भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है, क्योंकि भारत में उत्पादन लागत और नीतिगत समर्थन अधिक अनुकूल हैं (Vietnam to India Shift, Cost Advantage). काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत 2025 तक वैश्विक स्मार्टफोन उत्पादन का 20% हिस्सा हासिल कर सकता है, जिसमें सैमसंग और ऐपल की बड़ी भूमिका होगी.
भारत में सैमसंग की मजबूत स्थिति
सैमसंग पहले से ही भारत में स्मार्टफोन उत्पादन में ऐपल से आगे है। वित्त वर्ष 2024 में सैमसंग का भारत में वैश्विक उत्पादन का 25% हिस्सा था, जबकि ऐपल का 15% था। नोएडा में सैमसंग का प्लांट दुनिया के सबसे बड़े उत्पादन केंद्रों में से एक है, और अब कंपनी इसे और विस्तारित करने की योजना बना रही है (Noida Samsung Plant, Largest Facility). विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की नीतियां, जैसे प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS), सैमसंग के लिए इस विस्तार को आसान बना रही हैं.
ऐपल ने भारत में iPhone उत्पादन को बढ़ाकर वैश्विक आपूर्ति का 20% हिस्सा हासिल किया है और 2026 तक अमेरिकी बाजार के लिए अधिकांश iPhone भारत से निर्यात करने की योजना बना रही है। सैमसंग भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है, ताकि टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके और भारत को अपने निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके (Apple’s India Strategy, Export Hub). हालांकि, हाल ही में फॉक्सकॉन द्वारा 300 से अधिक चीनी इंजीनियरों को भारत से वापस बुलाने से ऐपल की योजनाओं को झटका लगा है, लेकिन सैमसंग की स्वदेशी क्षमताएं इसे इस तरह की बाधाओं से बचाने में मदद कर सकती हैं
सैमसंग के इस कदम से भारत में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सैमसंग का भारत में विनिर्माण 70 मिलियन यूनिट्स तक बढ़ सकता है, जिससे 8-15 बिलियन डॉलर का सकल माल मूल्य (GMV) और 2.5 बिलियन डॉलर का मूल्यवर्धन होगा. भारत सरकार भी अमेरिका से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पर कम टैरिफ के लिए बातचीत कर रही है, जो सैमसंग और ऐपल दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.