New Delhi, 25 August 2025: सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स समय रैना (Samay Raina) और रणवीर अलाहबादिया (Ranveer Allahabadia) को दिव्यांगजनों का मजाक उड़ाने के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दोनों को वीडियो बनाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (IB Ministry) को जल्द से जल्द गाइडलाइंस बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में जुर्माना लगाने पर बाद में विचार किया जाएगा।
मामला क्या है?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Cure SMA Foundation of India) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि समय रैना (Samay Raina), विपुल गोयल (Vipul Goyal), बलराज परमजीत सिंह घई (Balraj Paramjeet Singh Ghai), सोनाली ठक्कर (Sonali Thakkar) और निशांत जगदीश तंवर (Nishant Jagdish Tanwar) ने अपने शो और वीडियो में दिव्यांगजनों और स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) से पीड़ित लोगों का मजाक उड़ाया। खास तौर पर, समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट (India’s Got Latent) में रणवीर अलाहबादिया की टिप्पणियों ने विवाद को और बढ़ाया। स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (SMA) एक गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये तक की लागत वाली दवाइयां चाहिए। याचिका में कहा गया कि ऐसी बीमारी और दिव्यांगता का मजाक उड़ाना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि समाज में गलत धारणाएं भी पैदा करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) और जॉयमाल्या बागची (Justice Joymalya Bagchi) की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने साफ कहा कि सोशल मीडिया पर कमाई के लिए बनाए गए कंटेंट को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) नहीं माना जा सकता। यह कमर्शियल स्पीच (Commercial Speech) है, और इसे दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने इन्फ्लुएंसर्स को दिए शख्त निर्देश
- सभी इन्फ्लुएंसर्स को अपने यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिना शर्त माफी मांगनी होगी।
- उन्हें एक हलफनामा (Affidavit) दाखिल करना होगा, जिसमें यह बताया जाए कि वे अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल दिव्यांगजनों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैसे करेंगे।
- कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (IB Ministry) को निर्देश दिया कि वे ऐसी गाइडलाइंस बनाएं, जो सुनिश्चित करें कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति, खासकर दिव्यांगों, की गरिमा को ठेस न पहुंचे।
- कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह के कृत्यों के लिए जुर्माना (Fine) या सजा दी जा सकती है।
- जस्टिस सूर्यकांत ने गुस्से में कहा, “यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। आप दूसरों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। मजाक की भी एक सीमा होती है।”
पहले भी विवादों में रहे हैं समय रैना और रणवीर
यह पहली बार नहीं है जब समय रैना (Samay Raina) और रणवीर अलाहबादिया (Ranveer Allahabadia) विवादों में घिरे हैं। इससे पहले 8 फरवरी 2025 को इंडियाज गॉट लेटेंट (India’s Got Latent) के एक एपिसोड में रणवीर अलाहबादिया ने माता-पिता पर अश्लील टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके और शो से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। वहीं, समय रैना पर एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (SMA) से पीड़ित एक नेत्रहीन नवजात का मजाक उड़ाने का आरोप लगा था। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई 2025 को समय रैना और चार अन्य इन्फ्लुएंसर्स को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।
माफी मांग चुके हैं कॉमेडियन्स
सुनवाई के दौरान समय रैना, विपुल गोयल, बलराज घई, और निशांत तंवर कोर्ट में मौजूद थे। सोनाली ठक्कर (Sonali Thakkar) को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई, बशर्ते वे अपने शो में माफी प्रसारित करें। सभी ने कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि माफी सिर्फ कोर्ट में नहीं, बल्कि उनके यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक रूप से दिखानी होगी